लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीरः सशर्त रिहाई की खातिर बांड भरने वाले नेता अगले सप्ताह होंगे 'आजाद', महबूबा की बेटी को किया नजरबंद

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 2, 2020 18:01 IST

जम्मू-कश्मीरः पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, वहीद उर-रहमान पारा और नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर को रिहा करने के बजाय अन्यत्र किसी अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है।

Open in App
ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन कश्मीरी नेताओं को अगले सप्ताह रिहा करने का फैसला किया है जिन्होंने सशर्त रिहाई की खातिर बांड भर कर दे दिए हैं। करीब आधा दर्जन फिर भी नहीं माने हैं। प्रशासन उनके कारण परेशान है क्योंकि उनको कहां रखा जाए का सवाल उसे इसलिए कचोट रहा है क्योंकि उनकी सेहत खराब होती जा रही है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन कश्मीरी नेताओं को अगले सप्ताह रिहा करने का फैसला किया है जिन्होंने सशर्त रिहाई की खातिर बांड भर कर दे दिए हैं। करीब आधा दर्जन फिर भी नहीं माने हैं। प्रशासन उनके कारण परेशान है क्योंकि उनको कहां रखा जाए का सवाल उसे इसलिए कचोट रहा है क्योंकि उनकी सेहत खराब होती जा रही है। इन नेताओं की रिहाई की खबर के बीच एक खबर यह भी है कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद को नजरबंद कर दिया है।

सबजेल एमएलए होस्टल में बीते एक माह से बंदी बनाकर रखे गए पांच से छह नेताओं को छोड़ अन्य सभी को जल्द ही सशर्त रिहा करने के विकल्प पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा है।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, वहीद उर-रहमान पारा और नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर को रिहा करने के बजाय अन्यत्र किसी अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की मार्च से पहले रिहाई की संभावना भी न के बराबर व्यक्त की जा रही है।

पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अलगाववादियों के अलावा गैर भाजपा दलों से जुड़े मुख्यधारा की राजनीति करने वाले सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हैं। इन तीनों को अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। 

फारूक अब्दुल्ला फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा हिरासत में लिए गए सभी प्रमुख नेताओं को पहले शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थित सेंटूर होटल में रखा गया था। सेंटूल होटल को सबजेल का दर्जा दिया गया था। शुरू में सेंटूर जेल में करीब 57 लोगों को रखा गया। हालात में सुधार के बाद वहां से कई नेताओं को रिहा किया गया और कुछ को वहां से उनके घरों में स्थानांतरित कर नजरबंद रखा गया।

गत नवंबर माह के दौरान 34 नेताओं जिनमें सज्जाद गनी लोन, श्रीनगर के पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान, नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, श्रीनगर के पूर्व मेयर और नेश्नल कांफ्रेंस की युवा इकाई के प्रधान सलमान सागर, नेकां विधायक इश्फाक जब्बार, पीडीपी के नईम अख्तर, वहीद उर रहमाना पारा, जहूर मीर, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल के नाम प्रमुख हैं, को सेंटूर सबजेल से एमएलए होस्टल में स्थानांतरित किया गया। इसके साथ ही एमएलए होस्टल को सबजेल का दर्जा दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में लगातार सुधरते हालात और राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एमएलए होस्टल में रखे गए राजनीतिक बंदियों की सिलसिलेवार रिहाई का क्रम जारी रखा हुआ है। यह रिहाई एक बांड के आधार पर हो रही है। 

तीन दिन पहले सब जेल एमएलए होस्टल से पांच पूर्व विधायकों और एमएलसी को रिहा किया गया है। इन पांच नेताओं की रिहाई से पहले भी सबजेल एमएलए होस्टल से कुछ नेताओं को रिहा किया गया है और इस समय करीब दो दर्जन नेता ही इस सबजेल में एहतियातन हिरासत को झेल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस सबजेल एमएलए होस्टल में बंद नेताओं में से अधिकांश को अगले 10-15 दिनों में क्रमानुसार रिहा किया जाएगा। इन सभी नेताओं ने एक बांड भरा है, जिसके अनुसार, यह लोग जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का यकीन दिला रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में छह नेताओं जिनमें पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज मीर, नेकां नेता सलमान सागर, शौकत गनई, अली मोहम्मद डार, अल्ताफ कालू, अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता बिलाल सुल्तान के नाम बताए जा रहे हैं को अगले पांच दिनों में रिहा किया जा सकता है। अल्ताफ कालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सलमान सागर के नाना का देहांत हुआ है और वह अपने परिजनों के साथ दुख की इस घड़ी में रहना चाहते हैं।

सूत्रों के अनुसार, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद उर रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर को फिलहाल रिहा किए जाने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं के साथ कई बार संबंधित प्रशासन ने रिहाई के मुद्दे पर चर्चा करते हुए बांड भरने को कहा है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। कहा जाता है कि शाह फैसल, नईम अख्तर, सागर और लोन ने तो बातचीत के लिए आए अधिकारियों के साथ तीखी बहस करते हुए एक बार बांड के दस्तावेज को भी फाड़ दिया था।

इस बीच एक खबर यह है कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद ने दावा किया है कि उन्हें श्रीनगर में ही उनके ही घर पर नजरबंद किया गया है। एक ट्विट के मुताबिक इस बात की जानकारी दी गई है। इस संबंध में और जानकारी का इंतजार है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किए जाने के बाद कश्मीर के कई स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया गया है। हाल ही में सना ने बयान भी दिया था कि अगर उन्हें भी नजरबंद कर लिया जाता है तो यह हैरानी वाली बात नहीं होगी।

टॅग्स :जम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट