जम्मू कश्मीर: सेना को मिली बड़ी कामयाबी, पकड़े गए ISIS के चार आतंकी
By सुरेश डुग्गर | Updated: November 24, 2018 17:36 IST2018-11-24T17:35:18+5:302018-11-24T17:36:35+5:30
बताया जाता है कि इन चारों ने पूछताछ के दौरान पुलवामा के चकूरा इलाके में स्थित अपने एक ठिकाने का खुलासा किया और उसके बाद देर रात गए पुलिस ने सेना के जवानों के साथ मिलकर वहां छापा डाला।

जम्मू कश्मीर: सेना को मिली बड़ी कामयाबी, पकड़े गए ISIS के चार आतंकी
आईएसआईएस के चार आतंकियों की ताजा गिरफ्तारी के बाद खुफिया अधिकारियों की वह चेतावनी सच साबित होने लगी है जिसमें कहा गया था कि आईएस कश्मीर में पांव फैला तबाही मचाने की फिराक में है। हालांकि कश्मीर में आतंकवाद से जूझ रहे सुरक्षाधिकारी बस यह कह कर परिस्थितियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करते थे कि उनके लिए आतंकी बस आतंकी होता है चाहे वह हिज्ब से संबंध रखता हो या फिर आईएसआईएस से।
पुलिस ने गत शाम श्रीनगर में आईएसजेके के चार आतंकियों को हथियारों संग गिरफ्तार किया था। संबधित सूत्रों ने बताया कि आईएसजेके के पकड़े गए तीन आतंकियों ताहिर अहमद खान पुत्र चंद्रीगाम बडगाम, शाहिद अहमद निंदा पुत्र लतीफ अहमद निंदा निवासी रैनावारी, मोहम्मद आरिफ पुत्र मुश्ताक अहमद और रशीद मलिक को पकड़ा था। यह श्रीनगर में किसी बड़ी वारदात का अंजाम देने वाले थे।
बताया जाता है कि इन चारों ने पूछताछ के दौरान पुलवामा के चकूरा इलाके में स्थित अपने एक ठिकाने का खुलासा किया और उसके बाद देर रात गए पुलिस ने सेना के जवानों के साथ मिलकर वहां छापा डाला। यह अभियान आज तड़के तक चला। सुरक्षाबलों ने आतंकी ठिकाने का पता तो लगा लिया, लेकिन वहां छिपे आतंकी अपने हथियारों संग पहले ही वहां निकल भागे थे, शायद उन्हें अपने चार साथियों के पकड़े जाने की भनक पहले ही लग गई थी।
अलबत्ता सुरक्षाबलों ने आतंकी ठिकाने की तलाशी लेते हुए वहां से एक गैस सिलेंडर, पांच गलास, पांच प्लेट, मसालों के पांच डिब्बे, एक बाल्टी, दो किलो चावल,एक पाऊच, एक कंबल, एक गैस चूल्हा, दवाएं और कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस प्रवक्ता ने आतंकी ठिकाने को नष्ट किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि वहां से सिर्फ खाने पीने का सामान और कुछ दस्तावेज मिले हैं। लेकिन यह दस्तावेज बहुत अहम हैं और सिर्फ राज्य में ही नहीं राज्य के बाहर फैल रहे आईएसजेके के नेटवर्क के बारे में इसमें कई अहम जानकारियां हैं। इनके आधार पर आईएसजेके के खिलाफ एक सघन अभियान चलाया जा रहा है।
22 जून को जब कश्मीर में आईएस के चार आतंकियों को मार गिराया गया था तो पहली बार इसे आधिकारिक तौर पर मान लिया गया था कि कश्मीर में आईएसआईएस पहुंच चुका है। बीसियों युवाओं ने उसका हाथ थाम लिया है। वैसे 16 मार्च को भी आईएस के दो आतंकी मारे गए थे लेकिन तब पुलिस इसे स्वीकार करने को राजी नहीं थी कि आईएस ने कश्मीर में पांव पसार लिए हैं।
पर 22 जून को आईएस के 4 आतंकियों की मौत के बाद कश्मीर पुलिस ने इसको स्वीकार कर लिया था और उसकी स्वीकारोक्ति के बाद कश्मीर में दहशत का माहौल है। हालांकि पुलिस का दावा था कि दहशतजदा होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी सुरक्षाबलों के लिए आतंकी सिर्फ आतंकी हैं वे चाहे किसी भी गुट से जुड़े हों।
इतना जरूर था कि अलगाववादी नेता भी आईएस की दस्तक से डरे हुए नजर आ रहे हैं। उनका डर अलग किस्म का है। दरअसल उन्हें डर इस बात का है कि अगर आईएस ने कश्मीर मंेे हमलों का सिलसलिा शुरू किया तो उनका ‘आजादी’ का आंदोलन बदनाम हो जाएगा। यही कारण थ कि वे इस कोशिश मंे लगे थे कि कश्मीरी युवक आईएस से दूरी बनाए रखें पर फिलहाल उनकी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं।