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आतंकियों का निशाना और मौसम की मार, अमरनाथ यात्रा पर खतरे से निपटने के लिए उठाए गए ये कदम

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 24, 2018 05:25 IST

आतंकी निशाने पर टाप पर आई अमरनाथ यात्रा सभी के लिए चुनौती बनने लगी है

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श्रीनगर, 24 जून (सुरेश डुग्गर): आतंकियों के निशाने पर आने के बाद अमरनाथ यात्रा चुनौती के रूप में सामने आने लगी है। एक तो मौसम ऊपर से आतंकी खतरा। तीसरे यात्रा को पर्यटन बाजार में बदलने के प्रयास। इन सबको मिला आधिकारिक तथा सुरक्षा के मोर्चे पर मिलने वाली चेतावनी यही कहती है कि अमरनाथ यात्रा को खतरों से मुक्त बनाना हो तो इसे पर्यटन बाजार में न बदला जाए क्योंकि आतंकियों के लिए यह नर्म लक्ष्य बन सकती है। इतना जरूर था कि आधिकारिक तौर पर यात्रा पर कोई खतरा नहीं माना जा रहा है।

 जम्मू कश्मीर सरकार ने राज्य में अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग को आतंकवादी हमले के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया है और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाये जाएं। 

राज्य गृह विभाग ने सभी संबंधित एजेंसियों को कहा है कि सुरक्षा परिदृश्य, यात्रा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पर विचार करते हुये यात्रियों पर आतंकवादियों के हमले का खतरा है।  यात्रा की संवेदनशीलता और प्रसिद्धि की वजह से यह आतंकवादी हमले के लिहाज से बहुत संवेदनशील है। राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश में सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को कहा गया है कि वे इस मामले में सभी नियमों का पालन करें ताकि 28 जून से शुरू हो रही यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

 इस निर्देश में कहा गया है कि इस संबंध में खुफिया एजेंसियों और एकीकृत मुख्यालय से मिले निर्देश और जानकारी को अन्य सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के साथ तुरंत सांझा करना चाहिये और किसी संभावित घटना को रोकने के लिये आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिये।

श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों लोगों को न्यौता तो दे दिया लेकिन अब वह परेशान हो गया है। उसकी परेशानी का कारण बदलते हालात तो हैं ही बदलता मौसम भी है। अगर हालात की चर्चा करें तो यह परतें उघड़नें लगी हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को नर्म लक्ष्य के रूप में ले सकते हैं। फिलहाल किसी आतंकी गुट की ओर से कोई चेतावनी नहीं मिली है न ही अमरनाथ यात्रा पर किसी संगठन ने प्रतिबंध लगाया है मगर मिलने वाली सूचनाएं प्रशासन को परेशान किए जा रही हैं।

आधिकारिक सूत्रों कहते हैं कि अनंतनाग जिले में आतंकी घटनाएं बढ़ी भी हैं। सेना की गुप्तचर संस्था के अधिकारी कहते हैं कि खतरा सिर्फ अनंतनाग में ही नहीं बल्कि राजौरी पुंछ, जम्मू, डोडा और छोपियां में भी है। इन खतरों को लेकर अधिकारी परेशानी में इसलिए भी हैं क्योंकि पहले ही 8 लाख के करीब श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने के लिए न्यौता दिया जा चुका है और 2.5 लाख के करीब पंजीकरण भी करवा चुके हैं।

बकौल उन सुरक्षाधिकारियों के, जिनके कांधों पर यात्रा का जिम्मा है, इतनी भीड़ को संभाल पाना और सुरक्षा प्रदान कर पाना खाला जी का घर नहीं है।

पहले ही आतंकी सभी सुरक्षा प्रबंधों को धत्ता बताते हुए हर बार अमरनाथ यात्रियों पर हमले करने में कामयाब होते रहे हैं। अब अगर इतनी भीड़ होगी तो किस किस को कहां सुरक्षा प्रदान की जाएगी जबकि यात्रा करने वालों को पर्यटक के रूप में सरकार कश्मीर के अन्य पर्यटनस्थलों की ओर भी खींच कर लाने की इच्छुक है,’एक अधिकारी का कहना था।

 इस चिंता में मौसम की चिंता भी अपनी अहम भूमिका निभाने लगी है। मौसम विभाग भी इस बार अभी से चेतावनी जारी करने लगा है कि यात्रा मार्ग पर इस बार मौसम कुछ अधिक ही खराब हो सकता है। हालांकि अभी से इस खराब हो रहे मौसम के कारण यात्रा प्रबंधों में आ रही परेशानियों से प्रशासन अभी से जूझने लगा है तो अमरनाथ यात्रा के दिनों, जब मानसून जवानी पर होगा कैसे संभलेगा लाखों का रेला, कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।

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