जम्मू, 17 फरवरी। कश्मीर में बंद और कई स्थानों से बंकरों को हटाए जाने की कवायद के बीच जिला विकास परिषद चुनावों के बाद यूरोप और अफ्रीका के करीब 24 प्रतिनिधियों का एक दल आज दो दिवसीय दौरे पर घाटी पहुंचा। यहां उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। यूरोपीय संघ, फ्रांस, मलेशिया, ब्राजील, इटली, फिनलैंड, बांग्लादेश, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, सेनेगल, ताजिकिस्तान, कीर्गिस्तान, आयरलैंड, घाना, एस्टोनिया, बोलीविया, मलावी, इरीट्रिया और आयवरी कोस्ट के राजनयिक कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं।
विदेशी प्रतिनिधिमंडल बडगाम जिले के मगम ब्लाक पहुंचा। जहां उन्हें पंचायती राज और वहां लोगों की समस्याओं का हल कैसे किया जाता है उसके बारे में जानकारी दी गई। उन्हें ये भी बताया गया कि कैसे पंचायत के लोग गांव के घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं। प्रतिनिधिमंडल का मागाम बडगाम पहुंचने पर कश्मीरी परंपरा के मुताबिक स्वागत हुआ। विदेशी राजनयिकों ने स्थानीय ब्लाक विकास परिषद और जिला विकास परिषद के प्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय लोगों के साथ भी बातचीत कर, कश्मीर की जमीनी हालात की सच्चाई को जाना।
मागाम में विदेशी राजनयिकों का स्वागत जिला विकास परिषद बडगाम के चेयरमैन नजीर अहमद खान ने किया। इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिला पंचायक विकास परिषद और ब्लाक विकास परिषद के सदस्य भी मौजूद थे। नजीर अहमद खान ने विदेशी राजनयिकों को संबोधित करते हुए उन्हें कश्मीर में पांच अगस्त 2019 के बाद आए बदलाव, हाल ही में संपन्न हुए जिला विकास परिषद के चुनावों व उनमें जनता की भागीदारी से जुड़े मुद्दों से अवगत कराया।
सभी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने अधिकारियों और जवानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए थे। प्रतिनिधिमंडल के घाटी के बुधवार से शुरू हो रहे दौरे को ध्यान में रखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार दल के यहां पहुंचने से पहले एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई गई थी जिसमें सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया और उनके दौरे को सुरक्षित बनाने के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद माहौल में सुधार होने तथा आतंकवाद व पत्थरबाजी पर काफी हद तक अंकुश की वजह से कई इलाकों से सीआपीएफ के लिए बनाए गए कई अस्थायी बंकर हटा दिए गए। श्रीनगर शहर में जहांगीर चौक, करण नगर, बागात बरजुल्ला और राजबाग के इलाके से सीआरपीएफ के कुछ बंकर मंगलवार को हटाए गए। सीआरपीएफ के प्रवक्ता ओपी तिवारी ने बताया कि जहां इन बंकरों की जरूरत नहीं थी, वहां से इन्हें हटा दिया गया है। यह एक रूटीन प्रक्रिया है।
पिछले साल, अमेरिका सहित 17 देशों के प्रतिनिधियों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। उस दल में वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, उज्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, बांग्लादेश और पेरू के राजदूत शामिल थे। इसके अलावा यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी दो दिवसीय यात्रा पर जम्मू-कश्मीर गया था।