जम्मू-कश्मीर में अगले पांच दिनों तक रहेगा 'दहशत' का माहौल, क्योंकि स्नो सुनामी की चेतावनी
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 10, 2020 20:14 IST2020-01-10T20:14:51+5:302020-01-10T20:14:51+5:30
जम्मू-कश्मीरः मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू कश्मीर में 12 जनवरी से 16 जनवरी के बीच एक प्रचंड पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है। यह पश्चिमी विक्षोभ 13 जनवरी को अपने चरम पर होगा और इस दौरान घाटी में भारी हिमपात होने की आशंका है।

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जम्मू कश्मीर में अगले 5 दिन भयानक होंगें क्योंकि जबरदस्त हिमपात और हिमस्खलन अर्थात स्नो सुनामी की चेतावनी दी गई है। लोगों को घरों के भीतर रहने को भी कहा गया है। मौसम विभाग ने कहा कि शनिवार से अगले 5 दिन तक राज्य में भारी हिमपात हो सकता है। इस हिमपात के कारण कश्मीर घाटी में हवाई और सड़क व रेल यातायात बाधिक रह सकते हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू कश्मीर में 12 जनवरी से 16 जनवरी के बीच एक प्रचंड पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है। यह पश्चिमी विक्षोभ 13 जनवरी को अपने चरम पर होगा और इस दौरान घाटी में भारी हिमपात होने की आशंका है। इस दौरान उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में होगा और मैदानी इलाके भी ठंड से कांप उठेंगे।
उन्होंने घाटी के लोगों को इस भारी बर्फबारी के दौरान ठंड के प्रकोप से बचने के लिए गर्म कपड़े तैयार, जूते-मोजे, खाने का सामान आदि रखने की सलाह दी है। इस दौरान परिवहन व्यवस्था चरमरा सकती है, इसलिए जनजीवन प्रभावित हो सकता है, ऐसे में पहले से किए गए ये इंतेजाम उन्हें मदद करेंगे।
पश्चिमी विक्षोभ शनिवार रात से अगले पांच दिनों के लिए राज्य में सक्रिय रहेगा, लेकिन अभी से ही श्रीनगर सहित घाटी में आसमान में बादलों का डेरा है। सूर्य की तपिश भी महसूस नहीं हो रही है। पिछले कुछ दिनों से घाटी में शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है, जिससे तापमान हिमांक बिंदू से कई डिग्री नीचे पहुंच गया।
घाटी 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि से गुजर रही है, जिसे चिल्ले कलां कहा जाता है। यह 21 दिसंबर से शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है। श्रीनगर में शुक्रवार को तापमान -2.1 डिग्री, पहलगाम में -4.2 और गुलमर्ग में -6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। लद्दाख के द्रास में तापमान शून्य से 16.2 डिग्री नीचे रिकॉर्ड किया गया। यहां का अधिकतम तापमान भी शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उधर जम्मू में 6.2, कटरा में 7, बनिहाल में 1.6 और भदरवाह में 0.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
इस बीच, कश्मीर के मंडलायुक्त ने उच्चस्तरीय बैठक कर अधिकारियों को हिमपात से पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लोगों को इन दिनों के दौरान अपने घरों से बाहर निकलने या पैदल यात्रा करने से परहेज करने की सलाह दी गई है।