जम्मू: कश्मीर में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग मुठभेड़ों में तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। जिला कुलगाम में गत गुरुवार से जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को मार गिराया। इसमें जिला कमांडर शिराज मौलवी सहित यावर भट शामिल हैं। पिछले गुरुवार को भी सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में मुजाहिदीन गजवातुल हिंद के ही एक आतंकी को मारा था।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कुलगाम में दो और श्रीनगर में एक आतंकी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि कुलगाम में मार गिराया गया हिजबुल मुजाहिदीन का जिला कमांडर शिराज मौलवी 2016 से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। उसने इस दौरान जहां कई निर्दोष लोगों की जान ली वहीं घाटी के बेरोजगार युवाओं को फुसलाकर आतंकवाद में शामिल किया। उसकी मौत सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार हिजबुल जिला कमांडर शिराज अहमद उर्फ शिराज मौलवी ए डबल प्लस श्रेणी का आतंकवादी था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में करीब 19 मामले दर्ज थे। वहीं यावर अहमद सी श्रेणी का आतंकवादी था। उसके खिलाफ भी तीन मामले दर्ज थे। वह मार्च 2021 से सक्रिय था।
आईजीपी कश्मीर ने कहा कि मारे गए दोनों आतंकवादी हिजबुल मुजाहिदीन के थे जबकि इनमें एक जिला कमांडर शिराज मौलवी है। वहीं गत गुरुवार को ही श्रीनगर में हुई एक अन्य मुठभेड़ में मारा गया आतंकी आमिर रियाज निवासी पुलवामा प्रतिबंधित आतंकी संगठन मुजाहिदीन गजवतुल हिंद से संबंधित था। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया आमिर लेथपोरा फिदायीन हमले के एक आरोपी का रिश्तेदार था।
भीड़-भाड़ वाले इलाके में हमले की थी योजना
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने खुलासा किया कि मुजाहिदीन गजवातुल हिंद आतंकी आमिर रियाज को कश्मीर में फिदायीन हमले की जिम्मेदारी दी गई थी। यह हमला वह सुरक्षाबलों पर या फिर किसी भीड़-भाड़ इलाके में करने की योजना बना रहा था। समय रहते उन्हें इस बात की सूचना मिल गई।
पुलिस के एसओजी के जवान, सेना की 28 बटालियन और सीआरपीएफ 115 बटालियन के जवानों ने समय रहते आमिर रियाज का पता लगा लिया। वह श्रीनगर के बेमिना इलाके में छिपा हुआ था। सुरक्षाबलों ने उसे आत्म समर्पण करने का मौका दिया परंतु उसने इससे इंकार करते हुए सुरक्षाबलों पर गोलीबारी जारी रखे। जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया।
जिला पुलवामा के खिरयू इलाके का रहने वाला रियाज फरवरी 2019 में पुलवामा फिदायीन हमले को अंजाम देने वाले एक आतंकी का रिश्तेदार था। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि उसे इसी तरह के एक हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसी वजह से वह श्रीनगर में आया था।