लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीर: 28 और राजनीतिक कैदियों से हटाया PSA, लेकिन पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती से नहीं

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 25, 2020 16:52 IST

कोरोना संकट काल में 170 से पीएसए हटाया जा चुका है पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर से पीएसए को नहीं हटाया गया है।

Open in App
ठळक मुद्दे इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था।एक अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की थी।

जम्मू: पिछले साल 5 अगस्त को राज्य के दो टुकड़े कर उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद अब कोरोना के डर की वजह से आज कश्मीर में 28 राजनीतिक कैदियों से पीएसए हटा दिया गया। कोरोना संकट काल में 170 से पीएसए हटाया जा चुका है पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर से पीएसए को नहीं हटाया गया है। इतना जरूर था कि महबूबा को इस महीने की 7 तारीख को उनके घर पर शिफ्ट कर दिया गया था।

अभी भी पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत 380 नेताओं के प्रति फिलहाल कोई शब्द नहीं बोला जा रहा है कि वे कब तक रिहा हो पाएंगें। जो 28 लोग आज रिहा किए गए हैं उनमें से कुछेक जम्मू कश्मीर की जेलों में थे और बाकी को उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदी बनाया गया था। 

जब से प्रदेश में कोरोना संकट पैदा हुआ है तब से 170 राजनीतिाों से पीएसए हटा कर उन्हें रिहा किया जा चुका है पर मुख्य नेताओं के प्रति सरकार फिलहाल कोई शब्द बोलने को तैयार नहीं है। जानकारी के लिए पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बीच 5 हजार से अधिक कश्मीरी नेताओं आदि पर पीएसए लगा उन्हें जेलों में ठूंसा गया था।

हालांकि इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था। उन पर लगा जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटाकर रिहाई का आदेश जारी किया गया था। वहीं 13 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था।

वहीं एक अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की थी। हालांकि उन्होंने नए अधिवास अधिनियम को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए यह बता कही थी। उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार के पास कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच अधिवास कानून जारी करने का समय है तो उन्हें महबूबा मुफ्ती को रिहा करने का समय क्यों नहीं मिल सकता है।

महबूबा मुफ्ती की बेटी ने पूर्व में सरकार को पत्र लिखकर पीडीपी मुखिया को रिहा किए जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला हुआ है। साथ ही इससे निजात पाने के लिए कोई टीका या दवाई भी अभी तक नहीं बनी है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए मेरी मां व जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा सहित अन्य लोगों को रिहा किया जाए।

इस माह के पहले सप्ताह जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने उच्चाधिकार समिति को जेलों में बंद कैदियों की संख्या को घटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। समिति में राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस राजेश बिंदल, गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा और महानिदेशक कारावास वीके सिंह शामिल हैं।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरमहबूबा मुफ़्ती
Open in App

संबंधित खबरें

भारतAdventure Tourism Summit 2025: एडवेंचर टूरिज्म कार्यक्रम के लिए है कश्मीर, जानें क्या कुछ होगा खास

भारतबारिश की कमी से कश्मीर में गंभीर जलसंकट, सारा दारोमदार बर्फ पर टिका

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल