शहादत देने में सबसे आगे है जम्मू-कश्मीर पुलिस, 1989 से लेकर अब तक 1610 अफसर-जवान गंवा चुके हैं जान

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 15, 2023 12:57 IST2023-09-15T12:53:44+5:302023-09-15T12:57:21+5:30

आधिकारिक आंकड़ों के बकौल, कश्मीर में आतंकी हिंसा में मृत पुलिसकर्मियों में सबसे अधिक कांस्टेबल हैं जिनकी संख्या 565 है तो उसके बाद दूसरा स्थान एसपीओ अर्थात विशेष पुलिस अधिकारियों का आता है।

Jammu and Kashmir Police is at the forefront in martyrdom since 1989 till now 1610 officers and soldiers have lost their lives | शहादत देने में सबसे आगे है जम्मू-कश्मीर पुलिस, 1989 से लेकर अब तक 1610 अफसर-जवान गंवा चुके हैं जान

शहादत देने में सबसे आगे है जम्मू-कश्मीर पुलिस, 1989 से लेकर अब तक 1610 अफसर-जवान गंवा चुके हैं जान

Highlightsदेश में जब शहादत देने की बात आती है तो जम्मू कश्मीर पुलिस को भूला नहीं जा सकता। वर्ष 1989 से लेकर अभी तक प्रदेश में 1610 पुलिसकर्मी मारे भी जा चुके हैं।गैर सरकारी तौर पर मरने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 1780 से ज्यादा है।

जम्मू: देश में जब शहादत देने की बात आती है तो जम्मू कश्मीर पुलिस को भूला नहीं जा सकता। पिछले साल देशभर में 287 पुलिस के जवानों और अफसरों की शहादत में जम्मू कश्मीर का नाम सबसे आगे था क्योंकि इनमें 37 प्रदेश से ही थे। यही नहीं वर्ष 1989 से लेकर अभी तक प्रदेश में 1610 पुलिसकर्मी मारे भी जा चुके हैं। गैर सरकारी तौर पर मरने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 1780 से ज्यादा है।

आधिकारिक आंकड़ों के बकौल, कश्मीर में आतंकी हिंसा में मृत पुलिसकर्मियों में सबसे अधिक कांस्टेबल हैं जिनकी संख्या 565 है तो उसके बाद दूसरा स्थान एसपीओ अर्थात विशेष पुलिस अधिकारियों का आता है। आंकड़ों के मुताबिक, 518 एसपीओ इस अवधि में जान गंवा चुके हैं।

कश्मीर में 34 सालों से फैले आतंकवाद के दौर में जम्मू कश्मीर पुलिस एक डीआईजी, एक एसपी, 23 डीएसपी, 28 इंस्पेक्टर, 39 सब इंस्पेक्टर और 69 एएसआई रैंक के अधिकारियों को भी खो चुकी है। यही नहीं 150 हेड कांस्टेबल, 189 सीनियर ग्रेड कांस्टेबल तथा 26 फालोअर्स भी आतंकी हिंसा में शहादत पा चुके हैं।

जम्मू कश्मीर पुलिस की शहादत की शोर्यगाथाएं भी अपना एक मुकाम रखती हैं। तभी तो इन शहादतों के लिए वे कई बार कई पदकों से नवाजी जा चुकी है। इन शहादतों के लिए उसे अभी तक एक अशोक चक्र, दो कीर्ति चक्र, 18 शौर्य चक्र, 1672 प्रेसिडेंट पुलिस गैलेंटरी अवार्ड तथा 1822 जम्मू कश्मीर पुलिस मेडल फार गैलेंटरी भी प्राप्त हुए हैं।

कश्मीर में फैले आतंकवाद की तस्वीर का एक पहलू यह है कि जम्मू कश्मीर पुलिस कभी सिर्फ लाशें गिनने वाली फोर्स बन रह गई थी पर अब वह सबसे आगे रहकर आतंकवाद का खात्मा करने की ओर अग्रसर है। आतंकी हमलों, चेतावनियों और धमकियों के बावजूद कश्मीर में मारे जाने वाले हजारों आतंकियों में से आधे की मौत में जम्मू कश्मीर पुलिस की प्रमुख भूमिका रही है।

Web Title: Jammu and Kashmir Police is at the forefront in martyrdom since 1989 till now 1610 officers and soldiers have lost their lives

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