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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को सहयोग करने वाले 2 नागरिकों की संपत्तियों को पुलिस ने किया कुर्क

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 20, 2023 15:49 IST

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बांदीपोरा में आतंकवादियों को आश्रय और रसद सहायता प्रदान करने वाले दोनों आरोपियों के दो मंजिला आवासीय घरों को कुर्क करके सील कर दिया है।

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ठळक मुद्देकश्मीर में पुलिस ने बांदीपोरा में आतंकियों को शरण देने के लिए दो नागरिकों की संपत्ति कुर्क कीआरोपियों पर आतंकियों को आश्रय और रसद सहायता प्रदान करने का आरोप थापुलिस का यह एक्शन उन लोगों को संदेश देने के लिए है, जो आतंकियों से सहानभूति रखते हैं

कश्मीर: सुरक्षा बलों द्वारा आतंकियों पर लगातार किये जा रहे कड़े प्रहार के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों को शरण देने के लिए दो नागरिकों की संपत्ति कुर्क की। पुलिस के अनुसार कुर्क किये गये दोनों आरोपी लगातार आंतकियों का साथ दे रहे थे और सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थे।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुरक्षाकर्मियों ने बांदीपोरा में आतंकवादियों को आश्रय और रसद सहायता प्रदान करने के लिए दोनों आरोपियों के दो मंजिला आवासीय घरों को कुर्क करके सील कर दिया है।

पुलिस के अनुसार इस तरह की सख्त कार्रवाई से सीधा संदेश उन्हें है, जो आतंकवादियों को शरण देने, उन्हें रसद सहायता प्रदान करने या सहानभूति रखते हैं। पुलिस को उम्मीद इस एक्शन से आतंकियों के सामने भारी परेशानी खड़ी होगी और स्थानीय नागरिकों को भी सीख मिलेगी।

जिन आरोपियों के घरों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुर्क किया है। उनकी पहचना गुंडपोरा रामपुरा के एजाज अहमद रेशी के पिता अब्दुल मजीद रेशी और अरगाम बांदीपोरा थाना क्षेत्र के चिट्टीबंदे निवासी मकसूद अहमद मलिक के पिता मोहम्मद जमाल मलिक के घर हैं।

समाचार एजेंसी आईएएनएस को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी आतंकी एजाज अहमद रेशी और मकसूद अहमद मलिक को सुरक्षाकर्मी पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं।

पुलिस ने बताया कि आतंकवाद के दायरे में आने वाले दोनों आरोपियों एजाज अहमद रेशी और मकसूद अहमद मलिक के घरों को यूएपीए अधिनियम की धारा 25 के तहत संभागीय आयुक्त कश्मीर के आदेश पर जब्त की गई है।

इसके साथ ही पुलिस की ओर से कुर्क किये गये घरों पर नोटिस चस्पा किया है कि दोनों आरोपियों के मकानों के मालिक बिना अधिकारियों की अनुमति के सील किये गये मकानों को किसी अन्य को न तो स्थानांतरित कर पाएंगे और न ही पट्टे पर दे पाएंगे।

पुलिस के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि सील की गई संपत्ति का सौदा नहीं किया जा सकेगा। आदेश के बावजूद अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ दंडात्मक प्रावधान लागू होंगे।

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