लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीर: सुरक्षा प्रोटोकाल नहीं तोड़ने की आपील के बीच कई नेताओं का आरोप- राजनीतिक माहौल खत्म करने की हो रही कोशिश

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 4, 2021 13:48 IST

महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा लापरवाहियों का बहाना लेकर राजनीतिज्ञों को घरों में ही कैद रखने की कोशिश जम्मू-कश्मीर में जारी है।

Open in App
ठळक मुद्देअधिकारियों के अनुसार कश्मीर में ज्यादातर नेताओं की हत्याएं सुरक्षा प्रोटोकॉल को नहीं मानने से हुईंकश्मीर रेंज के महानिरीक्षक विजय कुमार ने भी सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर अब चेतावनी जारी की है वहीं महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेता मानते हैं कि सुरक्षा के नाम पर नेताओं की घेराबंदी की जा रही है

जम्मू: मुहैया करवाए गए सुरक्षाकर्मियों के बिना कश्मीर में नेताओं के लिए घूमना महंगा साबित हो रहा है। इसी गलती के बीच आतंकियों को मौका मिल जाता है और वे सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति पर हमला करने  में कामयाब होते हैं। वहीं इसका दोष सुरक्षाबलों व सुरक्षा एजेंसियों पर मढ़ा जा रहा है।

अधिकारियों के दावों के अनुसार, कश्मीर में अभी तक जिन सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों पर हमले हुए हैं या मारे गए हैं उनमें से 90 परसेंट मामलों में यही लापरवाही बरती गई थी। भाजपा के पालिकाध्यक्ष राकेश पंडिता की मौत के ताजा मामले में भी यही हुआ है जिसमें वे अपने व्यक्तिगत सुरक्षाकर्मियों को बिना बताए और उनको साथ लिए बिना ही अपने दोस्त से मिलने चले गए थे।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को बार बार आगाह किया जा चुका है कि वे बिना सुरक्षा के घरों या सुरक्षित ठिकानों से बाहर न निकलें। वही इसके प्रति कश्मीर रेंज के महानिरीक्षक विजय कुमार ने बकायदा चेतावनी भी जारी की है।

कई राजनेता लगा रहे हैं अलग आरोप

हालांकि इन सबके बीच कई राजनेताओं के स्वर अलग ही हैं। पीडीपी अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कहती हैं कि प्रदेश प्रशासन राजनीतिज्ञों की गतिविधियों को कम करके कश्मीर में राजनीतिक माहौल को ही समाप्त करने की कोशिश में है। 

महबूबा मुफ्ती के मुताबिक इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा लापरवाहियों का बहाना लेकर राजनीतिज्ञों को घरों में ही कैद रखने की कोशिश जारी है।

वहीं, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जब यहां किसी की हत्या होती है तो सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की बात होती है। हमें अच्छी तरह पता है कि यहां सुरक्षा को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। मैं जैड प्लस श्रेणी में हूं, लेकिन सुरक्षा चक्र कैसा है, यह बताने की जरुरत नहीं है।

उनका कहना था कि पांच अगस्त 2019 के बाद यहां यह फैलाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक लोग ठग व चोर हैं। नौकरशाह व पुलिस भी इसमें यकीन करने लगी है। राजनीतिज्ञों को राजनीति से, सामाजिक तरीकों से हराया या हटाया जाता है, लेकिन यहां तो अब उन्हें फिजिकली समाप्त किया जा रहा है।

इस मामले में एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी कहते थे कि सभी राजनीतिज्ञों की सुरक्षा कम कर दी गई है और उन्हें व्यक्तिगत पेड सुरक्षा भी नहीं लेने दी जा रही है। वे आरोप लगाते थे कि यह राजनीकि माहौल का दम घोंटने जैसा है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरमहबूबा मुफ़्तीभारतीय जनता पार्टीउमर अब्दुल्ला
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टनाबालिग से बलात्कार, मदरसा शिक्षक नासिर मजीद अरेस्ट, अपराध को अंजाम देने के बाद छिपा था आरोपी

भारतउमर अब्दुल्ला ने बताया कैसे एक ठुकराई हुई लड़की ने पुलिस से अपने एक्स- बॉयफ्रेंड के बारे में शिकायत की और फिर हुआ दिल्ली ब्लास्ट की साज़िश का पर्दाफ़ाश

भारतपहले LOC पर आग लगाओ, बारूदी सुरंगें नष्ट करो, फिर आतंकियों को धकेलने का रास्ता बनाओ: घुसपैठ के लिए पाक सेना के नए हथकंडे

स्वास्थ्यबाप रे बाप?, हर दिन JK में 38 कैंसर केस, 5 साल में 67037 का आंकड़ा और 2024 में 14000 नए मामले

भारतAdventure Tourism Summit 2025: एडवेंचर टूरिज्म कार्यक्रम के लिए है कश्मीर, जानें क्या कुछ होगा खास

भारत अधिक खबरें

भारतजब सभी प्रशिक्षण लेते हैं, फिर नेता क्यों पुत्रों को वंचित रखते हैं ?

भारतआरोप-प्रत्यारोप में ही सीमित होती राजनीति, किसी विषय पर मतभेद हो ही नहीं तो फिर बहस क्यों?

भारतAadhaar Crad e-KYC: कैसे करें आधार का केवाईसी? जानें आसान प्रोसेस

भारतमाइक्रोसॉफ्ट के बॉस सत्या नडेला ने पीएम मोदी से मिले, भारत में ‘AI फर्स्ट फ्यूचर’ के लिए $17.5 बिलियन का करेंगे निवेश

भारतअरपोरा क्लब में आग लगने के बाद गोवा के वागाटोर में लूथरा के नाइट क्लब पर चला बुलडोजर