जम्मूः कोरोना के दूसरे चरण को लेकर जम्मू-कश्मीर में असमंजस की स्थिति इसलिए बनने लगी है। नौवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए पांच अप्रैल से 18 अप्रैल तक सभी विद्यालयों को बंद रखने की घोषणा की है।
एक ओर उप राज्यपाल ने कोरोना के खतरे के बावजूद टयूलिप फेस्टिवल का शुभारंभ करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि प्रदेश में टूरिज्म नई ऊंचाई पर पहुंचे और दूसरी ओर इसी खतरे को भांपते हुए प्रदेश में सभी स्कूलों को दो सप्ताह के लिए बंद करने का आदेश दे दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों को बंद करने का फैसला कर दिया गया है।
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के नौंवी कक्षा तक के स्कूलों को दो हफ्ते के लिए बंद किया गया है। जो कि पांच अप्रैल 2021 से लेकर 18 अप्रैल तक होगा। वहीं कक्षा 10वीं से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को एक हफ्ते यानि 5 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है।
वहीं कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने किसी भी तरह के कार्यक्रम में 200 से ज्यादा लोगों के जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। हर तरह के कार्यक्रम में केवल 200 व्यक्ति ही शामिल हो सकते हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हां ने खुद अपने ट्विटर पर यह जानकारी साझा की है जिसमें उन्होंने पूरे प्रदेश में किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में दो सौ से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंद की जानकारी भी दी है। उन्होंने लोगों से कोविड के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील भी लोगों से की है।
लेकिन मजेदार बात यह है कि इस आदेश को जारी करने से कुद घंटे पहले ही उप राज्यपाल ने खुद टयूलिप फेस्टिवल का शुभारंभ किया था और कहा था कि कोरोना के खतरे के बावजूद प्रदेश में टूरिज्म का नई दिशा दी जानी है।
उन्होंने इस महोत्सव का शुभारंभ ऐसे वक्त पर किया जब श्रीनगर को ओरेंज कैटेगरी में रखने के साथ ही यह शिकायतें मिल रही थीं कि टयूलिप गार्डन में आने वाले पर्यटक कोविड 2019 के दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इतना जरूर था कि स्कूलों को बंद करने व कार्यक्रमों में लोगों की संख्या सीमित करने के बाद लोगों में लाकडाउन की आशंका पैदा हो गई है।