एलओसी पर सीजफायरः दोनों ओर से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल तैनात, तनातनी का माहौल

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: November 26, 2020 18:46 IST2020-11-26T18:44:27+5:302020-11-26T18:46:01+5:30

वर्ष 2003 को 26 नवम्बर को दोनों मुल्कों के बीच जम्मू कश्मीर के 264 किमी लंबे इंटरनेशनल बार्डर तथा 814 किमी लंबी एलओसी पर सीजफायर लागू करने का मौखिक समझौता हुआ था।

Jammu and Kashmir Ceasefire LOC Anti-tank guided missile deployed both sides atmosphere tension | एलओसी पर सीजफायरः दोनों ओर से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल तैनात, तनातनी का माहौल

सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं। (file photo)

Highlightsसीमावासियों का कहना था कि आखिर सीजफायर है कहां पर।मिसाइलों का इस्तेमाल अब खुल कर एलओसी के सेक्टरों में होने लगा है।

जम्मूः पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी पर सीजफायर के बावजूद दोनों ओर से अब एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों के इस्तेमाल के बाद जबरदस्त तनातनी का माहौल है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले 17 सालों से एलओसी और पाकिस्तान से सटी सीमा पर सीजफायर घोषित है और इसके बावजूद मिसाइलों का इस्तेमाल हो रहा है। यही कारण है कि एलओसी पर युद्ध की घोषणा के बिना ही अब मिसाइलों का खुल कर होने वाले इस्तेमाल ने सीमावासियों की नींद तो उड़ा ही दी है साथ ही सीजफायर पर भी सवाल उठने लगे हैं।

भारतीय सेना ने इसे माना है कि पाकिस्तान की ओर से भी एंटी टैंक गाइडिड मिसाइलों का इस्तेमाल हो रहा है जबकि सच्चाई यह है कि एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही पाक सेना भारी तोपखानों और ऐसे मिसाइलों का इस्तेमाल खुल कर करने लगा है और भारतीय सेना ने भी अब स्वीकार किया है कि पिछले तीन सालों के अरसे में उसने करीब आधा दर्जन बार पाक के अग्रिम क्षेत्रों में स्थित लांचिंग पैडों को उड़ाने की खातिर टैंकरोधी मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। इनमें इसराइल से प्राप्त मिसाइल भी शामिल हैं।

814 किमी लंबी एलओसी पर सीजफायर लागू करने का मौखिक समझौता हुआ था

वर्ष 2003 को 26 नवम्बर को दोनों मुल्कों के बीच जम्मू कश्मीर के 264 किमी लंबे इंटरनेशनल बार्डर तथा 814 किमी लंबी एलओसी पर सीजफायर लागू करने का मौखिक समझौता हुआ था। अब जबकि दोनों सेनाएं भारी तोपखानों से गोले और एंटी टैंक गाडडेड मिसाइल दाग रही हैं ऐसे में सीमावासियों का कहना था कि आखिर सीजफायर है कहां पर।

सीमाओं पर सीजफायर लागू करने के करीब दो महीनों के बाद ही सीजफायर की धज्जियां उड़ानी पाक सेना द्वारा आरंभ कर दी गई थीं। दरअसल उसे अपने जहां रूके पड़े आतंकियों को इस ओर धकेलना होता था और नतीजा यह है कि उसकी कवरिंग फायर की नीति के चलते सीजफायर तार-तार हो चुका है और घुसपैठियों को रोकने की खातिर भारतीय सेना को बराबरी का जवाब देना पड़ रहा है।

इंटरनेशनल बार्डर पर मोर्टार का ही इस्तेमाल हो रहा था

अभी तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर मोर्टार का ही इस्तेमाल हो रहा था लेकिन वर्ष 2016 में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई से बौखलाई पाक सेना ने न सिर्फ गोलाबारी की रेंज को बढ़ा दिया बल्कि उसने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों का इस्तेमाल भारतीय सेना के बंकरों और सीमा चौकिओं को उड़ाने के लिए करके भारतीय सेना को जरूर चौंका दिया था।

फिर क्या था। सीजफायर के बावजूद ऐसे मिसाइलों का इस्तेमाल अब खुल कर एलओसी के सेक्टरों में होने लगा है। यह दोनों ओर से हो रहा है। कुछ दिन पहले भी भारतीय सेना ने एक वीडियो जारी कर इसकी पुष्टि की थी कि वह पाक सेना के बंकरों तथा सीमांत चौकिओं को उड़ाने के लिए ऐसे मिसाइलों का इस्तेमाल कर रही है।

कहने को तो पाकिस्तान से सटे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बार्डर और एलओसी पर पिछले 17 सालों से दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच सीजफायर है पर अब हर दिन सीमाओं पर होने वाली गोलों और गोलियों की बरसात अब सीजफायर का मजाक उड़ाने लगी हैं। यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir Ceasefire LOC Anti-tank guided missile deployed both sides atmosphere tension

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