आईटीबीपी ने सरकार से आंतरिक सुरक्षा में भूमिका बनाए रखने का अनुरोध किया

By भाषा | Updated: December 23, 2020 16:48 IST2020-12-23T16:48:14+5:302020-12-23T16:48:14+5:30

ITBP requested the government to maintain a role in internal security | आईटीबीपी ने सरकार से आंतरिक सुरक्षा में भूमिका बनाए रखने का अनुरोध किया

आईटीबीपी ने सरकार से आंतरिक सुरक्षा में भूमिका बनाए रखने का अनुरोध किया

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की चौकसी करने वाली भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने सरकार से अपने जवानों को आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर निरंतर तैनाती देने का अनुरोध किया है, ताकि ऊंचाई वाले बर्फीले स्थानों पर तैनात उसके जवानों को थोड़ी राहत मिल सके क्योंकि ऐसे स्थानों पर रहने के कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हो जाती हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बल ने गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति तथा गृह मंत्रालय के समक्ष इस बिंदु को उठाया है। दरअसल केंद्र सीमा सुरक्षा बलों को देश के भीतर सुरक्षा ड्यूटी से धीरे-धीरे हटाने के ‘महत्वाकांक्षी’ प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि आईटीबीपी ने सांसदों को सूचित किया है कि चूंकि उसकी जिम्मेदारी ऊंचाई पर स्थित तथा मौसम संबंधी बेहद विषम परिस्थितियों वाले स्थलों पर मोर्चों को संभालने की है इसलिए बल चाहता है कि उसे देशभर में आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में भी निरंतर शामिल रखा जाए ताकि बल के जवानों की ड्यूटी ‘‘एलएसी पर कठिन हालात वाले स्थलों और मैदानी इलाकों’’ में बारी-बारी से लगाई जा सके।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बल ने 60:40 के अनुपात में तैनाती जारी रखने की मांग की है जिसमें से 60 फीसदी तैनाती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होती है जिसका अधिकांश हिस्सा ऊंचाई पर, पर्वतों पर स्थित है। इस व्यवस्था से उन जवानों की तैनाती में आवर्तन संभव हो पाता है जो बहुत ही विषम हालात में, शून्य से नीचे तापमान और मौसम की कठिन परिस्थितियों के बीच मोर्चे पर डटे होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आईटीबीपी के जवानों को सर्द मौसम के कारण होने वाले कई रोगों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य की खातिर उन्हें इन क्षेत्रों से कुछ समय दूर रहने की और थोड़ी राहत की जरूरत होती है।’’

लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी लंबी एलएसी के पश्चिमी, मध्य एवं पूर्वी सेक्टर में आईटीबीपी की ज्यादातर चौकियां 9,000 फीट से लेकर 18,700 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित है।

सरकार ने सीमाओं पर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिहाज से सीमा की सुरक्षा में तैनात बल बीएसएफ, सशस्त्र सीमा बल और आईटीबीपी की भूमिका अंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में कम करने पर विचार करना शुरू किया है।

इस प्रस्ताव के मुताबिक गृह मंत्रालय कथित तौर पर एक ‘मॉडल’ पर काम कर रहा है जिसमें चुनाव कराने समेत आंतरिक सुरक्षा की ज्यादातर जिम्मेदारी देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ की होगी।

हर साल सीमा की सुरक्षा में तैनात इन बलों के जवानों को मोर्चो से हटाकर आंतरिक सुरक्षा में लगाया जाता है जिसका दुष्प्रभाव भी एक रिपोर्ट में सामने आया है।

बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (खुफिया) एस.एस. गुलेरिया की रिपोर्ट ‘‘मानव तस्करी और सीमा सुरक्षा’’ के मुताबिक ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों की कम संख्या और आंतरिक सुरक्षा कामों के लिए उन्हें सीमा से हटाने का सीमा के प्रबंधन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

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Web Title: ITBP requested the government to maintain a role in internal security

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