आईटीबीपी ने अपनी पहली महिला अधिकारियों को युद्धक भूमिकाओं में शामिल किया

By भाषा | Updated: August 8, 2021 16:34 IST2021-08-08T16:34:07+5:302021-08-08T16:34:07+5:30

ITBP inducts its first women officers in combat roles | आईटीबीपी ने अपनी पहली महिला अधिकारियों को युद्धक भूमिकाओं में शामिल किया

आईटीबीपी ने अपनी पहली महिला अधिकारियों को युद्धक भूमिकाओं में शामिल किया

मसूरी, आठ अगस्त भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा के लिए तैनात इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) बल ने रविवार को मसूरी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अपनी पहली दो महिला अधिकारियों को युद्धक भूमिकाओं में शामिल किया।

पासिंग आउट परेड के बाद मसूरी स्थित आईटीबीपी अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से कुल 53 अधिकारी उत्तीर्ण हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए थे। धामी ने आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल के साथ 680 पृष्ठों वाली पहली ‘हिस्ट्री ऑफ आईटीबीपी’ पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें कई अज्ञात तथ्य और सीमा सुरक्षा बल की पहले कभी न देखी गई दुर्लभ तस्वीरें हैं।

धामी और देसवाल ने पासिंग आउट परेड और सत्यापन समारोह के बाद दोनों महिला अधिकारियों प्रकृति और दीक्षा को अर्धसैनिक बल में शुरुआती स्तर के अधिकारी रैंक सहायक कमांडेंट के पद से नवाजा। कार्यक्रम में दोनों महिला अधिकारियों ने देश सेवा की शपथ ली। आईटीबीपी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय परीक्षा के माध्यम से 2016 से अपने काडर में महिला लड़ाकू अधिकारियों की भर्ती शुरू की। इससे पहले यह केवल कांस्टेबल रैंकों में महिलाओं की भर्ती करता था।

कुल 53 अधिकारियों में से 42 अधिकारी सामान्य ड्यूटी युद्धक काडर में हैं, जबकि 11 अधिकारी लगभग 90,000 कर्मियों वाले मजबूत पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षण बल के इंजीनियरिंग काडर में हैं। इन अधिकारियों को अब चीन के साथ लगी एलएसी और छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान सहित देश में आईटीबीपी की सभी इकाइयों में तैनात किया जाएगा।

युद्ध और रणनीति के विभिन्न विषयों में 50 सप्ताह (सामान्य ड्यूटी काडर) और 11 सप्ताह (इंजीनियरिंग काडर) तक प्रशिक्षित युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि कमांडरों को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ‘‘अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि देश अपने सशस्त्र बलों की वीरता और जवानों द्वारा किए गए बलिदान के कारण सुरक्षित है। उन्होंने युवा अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘मैं एक सैनिक का बेटा हूं और मैंने सेना को करीब से देखा है। मैंने उनके परिवारों के संघर्षों को देखा है।’’

मुख्यमंत्री ने अपने इतिहास से संबंधी पहली किताब लाने के लिए भी बल की सराहना की। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘पुस्तक को बल के अधिकारियों और जवानों के ज्ञानवर्द्धन के लिए तथ्यात्मक इतिहास के संदर्भ के तौर पर प्रकाशित किया गया है। यह प्रशासनिक और प्रशिक्षण उद्देश्यों और गहन विवरण प्राप्त करने के लिए भी उपयोगी होगा तथा यह आईटीबीपी का आधिकारिक इतिहास है।

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Web Title: ITBP inducts its first women officers in combat roles

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