महामारी, उत्तरी सीमाओं पर चुनौतियों के बीच एरोइंडिया आयोजन का फैसला लेना आसान नहीं था:राजनाथ

By भाषा | Updated: February 2, 2021 20:58 IST2021-02-02T20:58:32+5:302021-02-02T20:58:32+5:30

It was not easy to take the decision to organize Arrowindia amid epidemics, challenges on the northern borders: Rajnath | महामारी, उत्तरी सीमाओं पर चुनौतियों के बीच एरोइंडिया आयोजन का फैसला लेना आसान नहीं था:राजनाथ

महामारी, उत्तरी सीमाओं पर चुनौतियों के बीच एरोइंडिया आयोजन का फैसला लेना आसान नहीं था:राजनाथ

बेंगलुरु, दो फरवरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी और देश की उत्तरी सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियों के बीच ‘एरो इंडिया’ आयोजित करने का फैसला लेना आसान नहीं था।

इस कार्यक्रम को एशिया की सबसे बड़ी सैन्य विमानन प्रदर्शनी कहा जाता है जो शहर में तीन फरवरी से शुरू होने जा रही है।

सिंह ने देश की सीमाओं पर स्थिति को स्थिर रखने का श्रेय सैनिकों के जज्बे को देते हुए कहा कि इस तरह से भारत ने अपनी संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने का संकल्प प्रदर्शित किया है।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ कोविड-19 महामारी और उत्तरी सीमाओं पर हम पर थोपी गई सुरक्षा चुनौतियों के समय में एरो इंडिया का आयोजन करने का फैसला लेना आसान नहीं था।’’

राजनाथ ने कार्यक्रम की तैयारी से जुड़े कार्यक्रम में कहा कि उन्हें यह कहने में जरा भी हिचक नहीं है कि देश का मजबूत रुख, तत्काल एवं समन्वित प्रतिक्रिया तथा सीमाओं पर सैनिकों की कभी कम नहीं होने वाले जज्बे की भावना ने स्थिति को स्थिर किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने का अपना संकल्प प्रदर्शित किया है। ’’

तीन दिवसीय एरो इंडिया कार्यक्रम बुधवार से शुरू होने जा रहा है, जिसमें आत्म निर्भर भारत की झलक दिखाई देगी और ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर होगा।

सूत्रों के मुताबिक येलेहांका एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का 13 वां सत्र विश्व का पहला हाइब्रिड एरोस्पेस कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में लड़ाकू विमानों की प्रत्यक्ष उपस्थिति एवं डिजिटल माध्यम से भी उपस्थिति देखने को मिलेगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार कार्यक्रम में नये भारत की नयी पहल देखने को मिलेगी, जिसने संभावना को हकीकत में तब्दील करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने एरो इंडिया के समापन समारोह में शामिल होने की सहमति दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘एरो इंडिया भारत के रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में गर्व की एक नयी भावना का संचार करेगा और रक्षा सहयोग को अगले मुकाम पर ले जाएगा।’’

सिंह ने कहा कि विश्व ने भारत को अब एक भरोसेमंद रक्षा निवेश गंतव्य के रूप में मान्यता देना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि बंधन कार्यक्रम के दौरान 200 से अधिक सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।

कार्यक्रम में 80 विदेशी कंपनियों सहित 600 से अधिक प्रतिभागियों के अपने-अपने रक्षा विनिर्माण की प्रदर्शनी करने की संभावना है।

सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को सबसे शक्तिशाली रक्षा अर्थव्यवस्था के पथ पर अग्रसर करेगा।

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