जयपुर, एक जून राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक के बाद गठित मंत्रिसमूह में कांग्रेस शासित राज्यों के एक भी मंत्री को शामिल नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।
गहलोत ने आरोप लगाया कि कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को जानबूझकर इस मंत्रिसमूह से बाहर रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई। इसके बाद दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति पर जीएसटी दर के मुद्दे पर फैसला करने के लिये मंत्रिसमूह गठित किया गया है जो आठ जून को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘जीएसटी परिषद में कांग्रेस के तीन सदस्य हैं। परिषद की 28 मई को हुई बैठक के बाद केंद्र ने मंत्रिसमूह का गठन किया और इसमें मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को जानबूझकर शामिल नहीं किया गया।'
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में भाजपा के अधिक सदस्य हैं और ‘‘कांग्रेस सदस्यों को बाहर रखना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण व सहकारी संघवाद की मूल भावनाओं पर प्रहार है’’।
गहलोत ने दावा किया कि परिषद की बैठक में प्रस्तावित एजेंडे के खिलाफ रुख अपनाने वाले पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान व तमिलनाडु में से किसी को भी मंत्रिसमूह में शामिल नहीं किया गया है। गहलोत ने लिखा है, ‘‘मेरा मंत्रिसमूह के सभी आठ सदस्यों से आग्रह है कि वे अपने विचार-विमर्श को आगे बढ़ाने से पहले कांग्रेस के वित्त मंत्रियों को बाहर रखे जाने पर चिंतन करें।
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