बच्चों के बड़े होने तक उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पिता की होती है : न्यायालय

By भाषा | Updated: December 1, 2021 21:32 IST2021-12-01T21:32:10+5:302021-12-01T21:32:10+5:30

It is the responsibility of the father to look after the children till they grow up: Court | बच्चों के बड़े होने तक उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पिता की होती है : न्यायालय

बच्चों के बड़े होने तक उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पिता की होती है : न्यायालय

नयी दिल्ली, एक दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि पति एवं पत्नी के बीच झगड़े में पिता पर बच्चे के देखरेख की जिम्मेदारी उसके बालिग होने तक होती है।

उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 142 के तहत परिवार अदालत द्वारा पति एवं पत्नी को तलाक के आदेश की पुष्टि की अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल किया और उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि बच्चे को पिता देखरेख के लिए 50 हजार रुपये का भुगतान करें।

इसने कहा कि अलग हो चुके दंपति मई 2011 से ही साथ नहीं रह रहे हैं और इसलिए यह कहा जा सकता है कि उनके विवाह को बचाया जाना मुश्किल है।

न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए परिवार अदालत द्वारा पारित आदेश जिसकी उच्च न्यायालय ने पुष्टि की उसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।’’

साथ ही इसने कहा कि पति सेना का अधिकारी है और उसे बेटे के बड़े होने तक उसकी देखरेख की जिम्मेदारी से छूट नहीं दी जा सकती है।

पीठ ने कहा, ‘‘पति और पत्नी में चाहे जो भी विवाद हो लेकिन बच्चे को पीड़ित नहीं होने दिया जा सकता है। बच्चे के बड़े होने तक उसकी देखभाल करने की पिता की जिम्मेदारी जारी रहेगी। इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता कि बेटे की देखरेख पिता की हैसियत के मुताबिक होनी चाहिए।

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Web Title: It is the responsibility of the father to look after the children till they grow up: Court

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