नयी दिल्ली, आठ जनवरी भारत ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड एवं लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तानी अदालत द्वारा कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठकों से पहले ‘आडंबर करना’ पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है।
लखवी को दी गई कारावास की सजा और एक अन्य पाकिस्तानी अदालत द्वारा आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बारे में सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ये कदम साफ दिखाते हैं कि इनका मकसद फरवरी 2021 में एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) की पूर्ण बैठक और एपीजेजी (एशिया प्रशांत संयुक्त समूह) की बैठक से पहले अनुपालन की भावना को दर्शाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण बैठकों से पहले इस प्रकार का आडंबर करना पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है।’’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठन और घोषित आतंकवादी पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के भारत विरोधी एजेंडे को पूरा करने के लिए उसके परोक्ष माध्यम के रूप में काम करते हैं। पाकिस्तान को जवाबदेह बनाना और यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवादी संगठनों, आतंकवाद के बुनियादी ढांचों और आतंकवादियों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे।’’
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में शुक्रवार को पांच साल जेल की सजा सुनायी। देश में खुलेआम घूम रहे आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए पाकिस्तान पर बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच अदालत का यह फैसला आया है।
न्यायाधीश एजाज अहमद बतर ने लखवी को तीन अपराधों के लिए पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी और तीन लाख पाकिस्तानी रुपये (करीब 620 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं चुकाने पर उसे प्रत्येक अपराध के लिए छह-छह महीने की और सजा काटनी होगी। उसकी सजा एक साथ चलेगी।
इससे पहले, गुजरांवाला में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने बृहस्पतिवार को अजहर के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
इस बीच, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले, जबरन धर्मांतरण और शिया हजारा समुदाय के 11 कोयला खनिकों की हाल में की गई हत्या की घटनाओं संबंधी एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि भारत इस आतंकवादी हमले की निंदा करता है।
उन्होंने जोर दिया कि अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करना और उनके मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान करना हर देश का कर्तव्य है।
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