गिरफ्तारी से बेदाग हुए पूर्व वैज्ञानिक नाम्बी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, जानें क्या है इसरो जासूसी मामला
By भाषा | Updated: September 14, 2018 17:14 IST2018-09-14T17:14:32+5:302018-09-14T17:14:55+5:30
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए 76 वैज्ञानिक नाम्बी वर्षीय नारायणन ने कहा कि उन्हें ‘‘अब पहले से अच्छा’’ महसूस हो रहा है।

गिरफ्तारी से बेदाग हुए पूर्व वैज्ञानिक नाम्बी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, जानें क्या है इसरो जासूसी मामला
तिरूवनंतपुरम, 14 सितंबर: इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन ने वर्ष 1994 के जासूसी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अदालत की ओर से नियुक्त समिति द्वारा जांच पूरी करने के लिए एक समयसीमा निर्धारित होनी चाहिए।
शीर्ष न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि इस मामले में नारायणन को ‘‘बेवजह गिरफ्तार, प्रताड़ित किया गया और उन्हें मानसिक यातना का सामना करना पड़ा।’’ न्यायालय ने इस मामले में केरल पुलिस के अधिकारियों की भूमिका की जांच के आदेश भी दिये हैं।
न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए 76 वर्षीय नारायणन ने कहा कि उन्हें ‘‘अब पहले से अच्छा’’ महसूस हो रहा है।हालांकि, उन्होंने कहा कि न्यायालय की ओर से नियुक्त समिति द्वारा जांच पूरी करने के लिए एक समयसीमा निर्धारित होनी चाहिए।
उन्हें 50 लाख रुपये के मुआवजा दिए जाने के अदालती आदेश पर उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से मुआवजे की राशि और जुर्माने की रकम वसूलनी चाहिए। मामले की जांच करने वाले एसआईटी प्रमुख और नारायणन को गिरफ्तार करने वाले पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू ने इस फैसले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
गिरफ्तारी के बाद नारायणन को दो महीने जेल में गुजारने पड़े थे और बाद में सीबीआई ने पाया था कि जासूसी का मामला झूठा था। वर्ष 1994 का यह मामला दो वैज्ञानिकों और चार अन्य लोगों द्वारा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े कुछ खास गोपनीय दस्तावेज दो देशों को देने के आरोपों से जुड़ा है।