इसरो जासूसी मामला : उच्चतम न्यायालय अगले सप्ताह करेगा मामले में सुनवाई

By भाषा | Updated: April 5, 2021 13:53 IST2021-04-05T13:53:48+5:302021-04-05T13:53:48+5:30

ISRO espionage case: Supreme Court to hear case in next week | इसरो जासूसी मामला : उच्चतम न्यायालय अगले सप्ताह करेगा मामले में सुनवाई

इसरो जासूसी मामला : उच्चतम न्यायालय अगले सप्ताह करेगा मामले में सुनवाई

नयी दिल्ली, पांच अप्रैल उच्चतम न्यायालय इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन से संबंधित 1994 के जासूसी के एक मामले में अगले सप्ताह सुनवाई करेगा। मामले में जांच के लिए 2018 में बनायी गयी उच्च स्तरीय समिति ने हाल में अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

शीर्ष अदालत ने मामले में जांच के लिए अपने पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) डी के जैन की अध्यक्षता में 14 सितंबर, 2018 को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था और केरल सरकार को नारायणन के ‘‘घोर अपमान’’ के लिए उन्हें 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था।

शीर्ष अदालत ने नारायणन का ‘‘उत्पीड़न करने और उन्हें अत्यंत पीड़ा पहुंचाने’’ के दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कदम उठाने के लिए एक कमेटी गठित करने का आदेश देते हुए केंद्र और राज्य सरकार कमेटी में एक-एक अधिकारी नियुक्त करने को कहा था।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ के सामने मामले को त्वरित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि एक रिपोर्ट दाखिल की गयी है और यह ‘‘राष्ट्रीय मुद्दा’’ है।

पीठ ने कहा कि वह इसे महत्वपूर्ण मामला मानती है लेकिन त्वरित सुनवाई आवश्यक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे।’’

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर न्यायालय ने 2018 में कहा था कि हिरासत में लेकर उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया और पूर्व की उनकी सभी उपलब्धियों को कलंकित करने का प्रयास किया गया।

जासूसी का यह मामला 1994 में आया था। भारत के अंतरिक्ष काय्रक्रम से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज दो वैज्ञानिकों और मालदीव की दो महिलाओं समेत चार अन्य द्वारा इसे दूसरे देशों को सौंपने के आरोप लगाए गए थे।

केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वैज्ञानिक को गिरफ्तार कर लिया गया था।

तीन सदस्यीय जांच समिति ने हाल में न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।

सीबीआई ने अपनी जांच में कहा था कि नारायणन की अवैध गिरफ्तारी के लिए केरल में तत्कालीन शीर्ष पुलिस अधिकारी जिम्मेदार थे।

मामले से राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया था। कांग्रेस के एक धड़े ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के करूणाकरण पर निशाना साधा जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

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Web Title: ISRO espionage case: Supreme Court to hear case in next week

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