INX Media Case: सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम ने दो सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रहने की पेशकश की

By भाषा | Updated: August 30, 2019 06:01 IST2019-08-30T06:01:55+5:302019-08-30T06:01:55+5:30

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामलाः न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दो सितंबर को सुनवाई करेगी। इसके बाद चिदंबरम ने उक्त पेशकश की।

INX Media Case: P Chidambaram Makes "Unprecedented Offer" To Remain In CBI Till Monday | INX Media Case: सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम ने दो सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रहने की पेशकश की

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Highlightsपी चिदंबरम ने अभूतपूर्व तरीके से बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहने की पेशकश की। चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वह शुक्रवार तक सीबीआई की हिरासत में हैं।

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अभूतपूर्व तरीके से बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहने की पेशकश की। चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वह शुक्रवार तक सीबीआई की हिरासत में हैं। उन्हें रिमांड समाप्त होने पर कल संबंधित निचली अदालत में पेश किया जाएगा।

न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दो सितंबर को सुनवाई करेगी। इसके बाद चिदंबरम ने उक्त पेशकश की।

पूर्व मंत्री के प्रस्ताव पर पीठ ने कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका पर अपना आदेश पांच सितंबर को सुनाएगी। चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। पीठ ने चिदंबरम को गिरफ्तारी से दिये गये अंतरिम संरक्षण को भी पांच सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया।

चिदंबरम ने अपनी अर्जी में धनशोधन मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी। उनकी ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल तथा अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा कि चूंकि रिमांड के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दो सितंबर के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए चिदंबरम तब तक सीबीआई हिरासत में ही रहने की पेशकश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद को दो सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रखने की पेशकश कर रहा हूं। प्रवर्तन निदेशालय को इस पेशकश में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सीबीआई के मामले में मेरी सीबीआई रिमांड कल समाप्त हो रही है।’’

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि रिमांड को केवल निचली अदालत बढ़ा सकती है क्योंकि वहां मामला लंबित है। मेहता ने कहा, ‘‘अगर कल निचली अदालत में यही पेशकश की जाती है तो हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।’’ इस बीच, पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को वो दस्तावेज और सामग्री सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया जिसे वह इस मामले में न्यायालय के अवलोकन के लिये देना चाहता था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस सवाल पर निर्णय लेगी कि क्या उसे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सीलबंद लिफाफे में पेश दस्तावेजों का अवलोकन करना चाहिए। इससे पहले, मेहता ने न्यायालय में बहस करते हुये कहा कि धन शोधन ‘समाज और राष्ट्र’ के खिलाफ अपराध है और आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिये पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यकता है।

मेहता ने कहा कि शीर्ष अदालत लगातार कहती रही है कि आर्थिक अपराध ‘गंभीर से गंभीरतम’ प्रकृति के हैं, भले ही उनके लिये सजा कुछ भी निर्धारित हो। मेहता ने कहा, ‘‘मेरे पास 2009 के बाद और अब भी (आईएनएक्स मीडिया मामले में) धन शोधन जारी रहने की बात दर्शाने के लिये सामग्री है।’’

उन्होंने कहा कि निदेशालय चिदंबरम से हिरासत में और अग्रिम जमानत के ‘सुरक्षा कवच’ के बिना पूछताछ करना चाहता है। आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में सीबीआई ने 15 मई 2017 को दर्ज एक प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि 2007 में वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं। जांच ब्यूरो की प्राथमिकी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी 2017 में धन शोधन का मामला दर्ज किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। चिदंबरम ने दोनों ही आदेशों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। लेकिन चूंकि इसके बाद चिदंबरम की गिरफ्तारी हो गयी थी, इसलिए न्यायालय ने सीबीआई के मामले में दायर अपील को निरर्थक करार देते हुये उसका निस्तारण कर दिया था।

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