जानें, INX मीडिया घोटाले में लगे चिदंबरम पर आरोप, पढ़ें- इस मामले की 10 खास बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 21, 2019 11:24 IST2019-08-21T11:24:07+5:302019-08-21T11:24:07+5:30
INX Media Case: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की भूमिका 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रूपये से जुड़े आईएनएक्स मीडिया मामले को लेकर विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में थी।

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ईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पी. चिदंबरम की अग्रिम याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसके बाद बुधवार को मामले में सुनवाई हुई है और यह मामला जस्टिस रमन्ना की पीठ ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई को भेज दिया है। इस दौरान चिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में उन्हें कर्ता-धर्ता बताने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय की टिप्पणी पूर्णतय: निराधार है और इसकी पुष्टि करने वाली कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से छूट दिए जाने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है। आइए आपको बताते हैं इस मामले से जुड़ी दस खास बातें...
1- आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार, धनशोधन मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से जुड़ा आईएनएक्स मीडिया मामला ‘‘धनशोधन का एक बेहतरीन उदाहरण’’ है और उसकी प्रथम दृष्टया राय है कि मामले में प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।
2- 15 मई 2017 को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की जिसमें इस समूह पर 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रुपये लेने के लिए एफआईपीबी की मंजूरी हासिल करने में अनियमितता का आरोप लगाया गया।
3- प्रवर्तन निदेशालय ने 2018 में इस संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया। सीबीआई ने पूछताछ के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को समन किया।
4- चिदंबरम ने 30 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दे कर सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया।
5- चिदंबरम ने 23 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाई।
6- उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई को दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी।
7- उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी 2019 को दोनों ही मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
8- उच्च न्यायालय ने 20 अगस्त को चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकराई। साथ ही उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से भी इनकार कर दिया।
9- पी चिदंबरम का मामला 21 अगस्त को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के पास गया पहुंचा है। यह मामला जस्टिस रमन्ना की पीठ ने सीजेआई रंजन गोगोई को भेजा है।
10- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की भूमिका 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रूपये से जुड़े आईएनएक्स मीडिया मामले को लेकर विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में थी। संप्रग-1 सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से दो उपक्रमों को मंजूरी दी गई थी।