यौन उत्पीड़न का मामला जाने बिना हस्तक्षेप किया : केरल के मंत्री
By भाषा | Updated: July 20, 2021 20:43 IST2021-07-20T20:43:50+5:302021-07-20T20:43:50+5:30

यौन उत्पीड़न का मामला जाने बिना हस्तक्षेप किया : केरल के मंत्री
तिरुवनंतपुरम, 20 जुलाई केरल के वन मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता ए के शशिंद्रन ने मंगलवार को इन आरोपों का खंडन किया कि उन्होंने हाल में कोल्लम जिले में अपनी पार्टी के नेता द्वारा महिला से कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के प्रयास के मामले को सुलझाने में दखल दिया था।
वहीं दूसरी ओर, विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने मांग की कि मंत्री इस्तीफा दें या उन्हें कैबिनेट से हटाया जाए जबकि भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि शशिंद्रन ने पद की शपथ का उल्लंघन किया है और सत्तारूढ़ सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में ''बुरी तरह विफल'' रही है।
सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि यह एक उदाहरण है कि केरल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा किस वजह से बढ़ रही है। इसकी वजह यह है कि यहां की सत्ताधारी पार्टी महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वालों की रक्षा कर रही है।
भाजपा नेता ने कहा कि पीड़ित मौजूदा सरकार में किसी न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते।
इस बीच, मुस्लिम यूथ लीग की एर्नाकुलम जिला समिति के उपाध्यक्ष सजल ने पुलिस में शिकायत देकर यौन उत्पीड़न के मामले को दबाने की कोशिश करने के लिए शशिंद्रन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
यह मुद्दा तब सामने आया जब मलयालम समाचार चैनलों ने शशिंद्रन और महिला के पिता के बीच फोन पर हुई कथित बातचीत का प्रसारण शुरू किया। बातचीत से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मंत्री आपसी सहमति से इस मुद्दे को सुलझाना चाहते थे। महिला ने राकांपा नेता के खिलाफ पिछले महीने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। राकांपा नेता एक होटल के मालिक भी हैं।
महिला के पिता के साथ कथित बातचीत में मंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पार्टी में एक छोटा सा मुद्दा है और इसे अच्छे तरीके से सुलझाना चाहिए। जब व्यक्ति ने मंत्री से पूछा कि क्या यह उनकी बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में एक होटल मालिक द्वारा मुद्दे को सुलझाने का प्रयास है। इस पर मंत्री ने कथित तौर पर कहा कि उन्हें इस मुद्दे के बारे में पता है और इसे अच्छे तरीके से सुलझाना चाहिए।
आज पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने फोन पर इस तरह की बातचीत से इनकार नहीं किया, लेकिन यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि यह यौन उत्पीड़न का मामला था। शशिंद्रन ने कहा कि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह उनकी पार्टी के कार्यकर्ता से जुड़ा कोई अन्य मुद्दा है।
हालांकि, कोल्लम की रहने महिला ने मीडिया के सामने दावा किया कि मंत्री ने शुरू में दूसरों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करके मामले को सुलझाने की कोशिश की और फिर सीधे उसके पिता को फोन किया।
भाजपा की सदस्य महिला ने कहा कि राकांपा सदस्य ने उससे मार्च में पूछा था कि क्या वह पैसा कमाने के लिए भाजपा में शामिल हुई थी और यदि ऐसा है, तो वह उसे पैसे देने के लिये तैयार है। इस दौरान राकांपा सदस्य ने कथित तौर पर उसका हाथ पकड़ लिया था।
महिला ने दावा किया कि जब उसने कहा कि वह शोर मचाएगी तो राकांपा सदस्य ने उसे जाने दिया।
महिला ने कहा कि उसने उस समय शिकायत दर्ज नहीं की क्योंकि वह व्यक्ति प्रभावशाली है और उसके पास बहुत पैसा है। साथ ही उसके पिता भी शहर में नहीं थे।
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