INS मोरमुगाओ ने समुद्र में सुपरसोनिक लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा, कई गुना बढ़ी नौसेना की ताकत
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 23, 2023 01:45 PM2023-05-23T13:45:04+5:302023-05-23T13:47:13+5:30
भारतीय नौसेना के स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ ने समुद्र की सतह पर सुपरसोनिक गति से तैर रहे लक्ष्य को एक ही वार में ध्वस्त कर दिया। इस सफलता के बाद भारतीय नौसेना ने कहा है कि यह पहला प्रयास नौसेना की भविष्य की तैयारी, युद्ध में आगे रहने की तत्परता और आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने एक खास उपलब्धि हासिल करते हुए अपनी ताकत में कई गुना इजाफा कर लिया है। भारतीय नौसेना के स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ ने समुद्र की सतह पर सुपरसोनिक गति से तैर रहे लक्ष्य को एक ही वार में ध्वस्त कर दिया। ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ से हासिल की गई ये उपलब्धि समंदर में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाता है।
हिंद महासागर में चीन से मिल रही चुनौती को देखते हुए सुपरसोनिक गति से तैर रहे लक्ष्य को ध्वस्त करने की क्षमता हासिल करना बड़ी उपलब्धि है। इस सफलता के बाद भारतीय नौसेना ने भी कहा है कि यह पहला प्रयास नौसेना की भविष्य की तैयारी, युद्ध में आगे रहने की तत्परता और आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
#WATCH | Indian Navy's latest indigenous guided missile destroyer INS Mormugao successfully carried out engagement of a sea-skimming supersonic target. This maiden endeavour showcases Indian Navy's Future Proof Combat Readiness and commitment towards Aatmanirbhar Bharat: Navy… pic.twitter.com/HpfmduYwJk
— ANI (@ANI) May 23, 2023
भारत में निर्मित शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक 7,400 टन वजन वाले आईएनएस मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है। यह ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसमें इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार लगा है, जो हवा में लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा सकता है। इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल दिसंबर में ही भारतीय नौसेना को सौंपा था। स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ का नाम गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है।
बता दें कि हाल के दिनों में भारतीय नौसेना को मजबूत करने के कई प्रयास हुए हैं। भारतीय नौसेना को मजबूत करने के लिए प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई जा रही 6 पनडुब्बियों की छठी और अंतिम कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी वाग्शीर ने अपना समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण पूरा होने के बाद वाग्शीर को साल 2024 में भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा।
हिंद महासागर में पिछले कुछ समय से चीनी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की उपस्थिति देखी गई है। रक्षा विशेषज्ञ ये भी कहते हैं कि भारत को अगला युद्ध चीन और पाकिस्तान से एक साथ लड़ना होगा। इसे देखते हुए नौसेना के मजबूत करने की काम किया जा रहा है।
नौसेना की अग्रिम पंक्ति की मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ से एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण भी हाल ही में किया गया। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अपने प्रथम परीक्षण के दौरान सफलतापूर्वक लक्ष्य को भेदा। ब्रह्मोस मिसाइल की रफ्तार 2.8 मैक है जो ध्वनि की रफ्तार से लगभग तीन गुना है। ऐसा माना जाता है कि ये एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज गति की मिसाइल है।