इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश को हटाने के लिए चीफ जस्टिस ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

By भाषा | Updated: June 23, 2019 20:06 IST2019-06-23T20:06:27+5:302019-06-23T20:06:27+5:30

Initiate Impeachment Motion Against Justice Shri Narayan Shukla: CJI Gogoi Writes To PM Modi | इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश को हटाने के लिए चीफ जस्टिस ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश को हटाने के लिए चीफ जस्टिस ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

Highlightsतीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने जनवरी 2018 में पाया था कि न्यायमूर्ति शुक्ला के खिलाफ शिकायत में पर्याप्त तथ्य हैं सीजेआई जब किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हैं,तब राज्यसभा के सभापति सीजेआई से विचार-विमर्श कर तीन सदस्यीय एक जांच समिति नियुक्त करते हैं।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. एन. शुक्ला को एक आंतरिक जांच समिति द्वारा कदाचार का दोषी पाए जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर उन्हें हटाने की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया है। तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने जनवरी 2018 में पाया था कि न्यायमूर्ति शुक्ला के खिलाफ शिकायत में पर्याप्त तथ्य हैं और ये गंभीर हैं, जो उन्हें हटाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त हैं।

समिति में मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी, सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस. के. अग्निहोत्री और मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पी. के. जायसवाल शामिल थे। समिति की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने प्रक्रिया के मुताबिक न्यायमूर्ति शुक्ला को सलाह दी थी कि या तो वह इस्तीफा दे दें, या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लें।

वहीं, उनके ऐसा करने से मना करने पर तत्कालीन सीजेआई ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि तत्काल प्रभाव से उन्हें न्यायिक कार्य से हटा दिया जाए जिसके बाद वह कथित तौर पर लंबी छुट्टी पर चले गए। न्यायमूर्ति शुक्ला ने 23 मार्च को न्यायमूर्ति गोगोई को पत्र लिख कर उच्च न्यायालय में उन्हें न्यायिक कार्य करने की अनुमति देने का आग्रह किया।

इस पत्र को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति गोगोई को अग्रसारित किया था। न्यायमूर्ति गोगोई ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘न्यायमूर्ति शुक्ला के खिलाफ आंतरिक जांच समिति ने गंभीर आरोप पाए हैं जो उन्हें हटाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त हैं, उन्हें किसी भी उच्च न्यायालय में न्यायिक कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

इन परिस्थितियों में आपसे आग्रह है कि आगे की कार्रवाई पर विचार करें।’’ उल्लेखनीय है कि सीजेआई जब किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हैं,तब राज्यसभा के सभापति सीजेआई से विचार-विमर्श कर तीन सदस्यीय एक जांच समिति नियुक्त करते हैं।

राज्यसभा के सभापति द्वारा नियुक्त समिति साक्ष्यों और रिकॉर्ड की जांच करती है और इस बारे में राय देती है कि यह उन्हें हटाने के लिए ऊपरी सदन में बहस हो या नहीं, के लिए क्या कोई आधार प्रदान करती है। न्यायमूर्ति शुक्ला उच्च न्यायालय में एक खंडपीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, जब उन्होंने शीर्ष न्यायालय की सीजेआई नीत पीठ के आदेशों का कथित उल्लंघन करते हुए निजी कॉलेजों को 2017- 18 के शैक्षणिक सत्र में छात्रों को नामांकन देने की अनुमति दी।

जांच समिति की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति शुक्ला ने ‘‘न्यायिक मूल्यों का क्षरण किया, एक न्यायाधीश के मुताबिक आचरण नहीं किया’’, ‘‘अपने पद की गरिमा, मर्यादा और विश्वसनीयता को’’ कमतर किया और पद की शपथ का उल्लंघन किया। 

Web Title: Initiate Impeachment Motion Against Justice Shri Narayan Shukla: CJI Gogoi Writes To PM Modi

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