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मीडिया में उठाई गई शिकायतों की समीक्षा करने के लिए मंत्रालयों को अवगत करायें: समिति

By भाषा | Updated: December 18, 2021 19:21 IST

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नयी दिल्ली, 18 दिसंबर एक संसदीय समिति ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) से कहा है कि वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उठाई गई शिकायतों की नियमित रूप से समीक्षा करने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों को अवगत करायें।

समिति ने ‘‘भारत सरकार के शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना’’ शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि स्थापित निर्देशों का पालन करने की उनकी उत्सुकता में, कुछ विभागों या संगठनों द्वारा शिकायतों का निपटारा केवल किसी अन्य एजेंसी, कभी-कभी अधीनस्थ कार्यालय से संपर्क करने के सुझाव के साथ किया जा रहा है।

इसमें कहा गया है, ‘‘कुछ मामलों में, शिकायत उस एजेंसी को फिर से भेजी जा रही है जिसके खिलाफ शिकायत की गई है और कुछ अन्य में, शिकायत को एजेंसी के पोर्टल या किसी शिकायत समिति के पोर्टल पर ले जाने की सलाह के साथ ऑनलाइन शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है।’’

समिति ने कहा कि डीएआरपीजी ने मंत्रालयों/विभागों को इनके समापन के वैध कारण बताने का निर्देश दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हालांकि, कई मामलों में ऐसा नहीं किया जा रहा है। समिति मंत्रालयों/विभागों को शिकायत निवारण के संबंध में समय-समय पर प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए प्रेरित करती है।’’

समिति ने सिफारिश की है कि डीएआरपीजी द्वारा संचालित लोक शिकायत निवारण पर एक समर्पित पोर्टल को संघवाद की प्रकृति को प्रभावित किए बिना जनता के लिए सुविधाजनक ढंग से चलाया जाना चाहिए।

समिति ने पाया है कि केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर प्राप्त कई शिकायतें राज्य सरकारों से संबंधित हैं और इनमें से कई मामलों में, याचिकाकर्ता को राज्य सरकार से संपर्क करने के लिए कहा गया था और शिकायत को अग्रेषित करने के बजाय निपटाया गया था।

कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुशील कुमार मोदी ने की। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति ने डीएआरपीजी को मंत्रालयों/विभागों को उन शिकायतों की नियमित समीक्षा करने के लिए अवगत कराने की सिफारिश की है, जो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उठाई जाती हैं।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा की गई समीक्षा और सुझावों पर की गई कार्रवाई इसकी वेबसाइट पर डाली जाए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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