भारत-पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों की बैठक समाप्त

By भाषा | Updated: March 24, 2021 23:00 IST2021-03-24T23:00:35+5:302021-03-24T23:00:35+5:30

Indus-Commissioners meeting of India-Pakistan ends | भारत-पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों की बैठक समाप्त

भारत-पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों की बैठक समाप्त

नयी दिल्ली, 24 मार्च भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौते को लेकर दो दिवसीय बैठक बुधवार को यहां समाप्त हो गई। इस दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में पाकल दुल और लोअर कलनाई पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइनों को लेकर आपत्तियां जतायीं।

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किये जाने के बाद लद्दाख में भारत द्वारा शुरू की गईं पनबिजली परियोजनाओं के बारे में अतिरिक्त जानकारी मांगी।

भारत ने अपनी ओर से पाकल दुल और लोअर कनलाई पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइनों को उचित ठहराया।

दोनों पक्षों के बीच दो साल के बाद यह बैठक हुई। इससे पहले अगस्त 2018 में लाहौर में बैठक हुई थी।

बैठक में शामिल हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के सिंधु आयोग के आयुक्त पीके सक्सेना ने किया और इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के उनके सलाहकार शामिल थे।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु आयोग (पाकिस्तान) के आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह ने किया। पाकिस्तानी प्रतिधिनिमंडल सोमवार शाम को यहां पहुंचा।

अगस्त, 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने के बाद दोनों आयोगों की यह पहली बैठक है।

यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों की सेनाओं द्वारा नियंत्रण रेखा और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौते का कड़ाई से पालन करने के संबंध में पिछले महीने की गई घोषणा के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच यह पहली महत्वपूर्ण वार्ता है।

भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के बाद से इन इलाकों में कई पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

इनमें लेह क्षेत्र में दुरबुक श्योक (19 मेगावाट क्षमता), शांकू (18.5 मेगावाट क्षमता), नीमू चिलिंग (24 मेगावाट क्षमता), रोंगदो(12 मेगावाट क्षमता), रत्न नाग (10.5 मेगावाट क्षमता) और कारगिल में मांगदम सांगरा (19 मेगावाट क्षमता), कारगिल हंडरमैन (25 मेगावाट क्षमता) व तमाश (12 मेगावाट क्षमता) परियोजना शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने इन परियोजनाओं के संबंध में जानकारी मांगी है।

उल्लेखनीय है कि सिंधु जल समझौते में दोनों देशों के आयोगों की साल में कम से कम एक बार बैठक का प्रावधान है। यह बैठक बारी-बारी से भारत और पाकिस्तान में होती है। पिछले साल मार्च में नयी दिल्ली में होने वाली बैठक कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित कर दी गई थी।

भारत ने जुलाई 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सिंधु जल समझौते से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ऑनलाइन बैठक करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन पाकिस्तान ने बैठक अटारी सीमा चौकी पर करने पर जोर दिया जिसे भारत ने महामारी के मद्देनजर अस्वीकार कर दिया था।

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के तहत सतलुज ब्यास एवं रावी नदी का पानी भारत को जबकि सिंधु, झेलम एवं चिनाब का पानी पाकिस्तान को मिलता है।

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Web Title: Indus-Commissioners meeting of India-Pakistan ends

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