पूर्वी लद्दाख में गतिरोधः यूएस, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बाद जापान ने किया भारत का समर्थन, न्यूयॉर्क में चीन के खिलाफ प्रदर्शन
By भाषा | Updated: July 4, 2020 15:53 IST2020-07-04T15:53:44+5:302020-07-04T15:53:44+5:30
पूर्वी लद्दाख में तनाव के बीच जापान ने भारत को समर्थन किया है। यूएस, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बाद जापान भारत के साथ आ गया है। इस बीच अमेरिका के न्यूयॉर्क में चीन के खिलाफ प्रदर्शन हुआ।

पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध कायम है।
नई दिल्ली/न्यूयॉर्कः पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध पर भारत का पुरजोर समर्थन करते हुए जापान ने कहा कि वह क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की ‘‘किसी भी एकतरफा’’ कोशिश के खिलाफ है।
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला से मुलाकात के बाद जापानी राजदूत सतोशी सुजुकी ने कहा कि जापान इस विवाद का वार्ता के जरिये शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करता है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘विदेश सचिव श्रृंगला के साथ अच्छी बातचीत हुई। शांतिपूर्ण समाधान करने की भारत सरकार की नीति सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति से उनके द्वारा अवगत कराये जाने की सराहना करता हूं।
जापान भी वार्ता के जरिये शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद करता है। जापान यथास्थिति बदलने की किसी भी एकतरफा कोशिश के खिलाफ है। ’’ पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध कायम है।
हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव कई गुना बढ़ा गया
गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई एक हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव कई गुना बढ़ा गया है। हालांकि, इस झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं लेकिन चीन ने इस बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं दिया है। भारत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिये पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पहले की यथास्थिति बहाल करने पर जोर दे रहा है।
समझा जाता है कि बैठक में श्रृंगला ने जापानी राजदूत को पूर्वी लद्दाख की संपूर्ण वस्तुस्थिति से और इस मुद्दे पर भारत के रुख से भी अवगत कराया। इस बीच, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उम्मीद करता है कि चीन संबद्ध द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता शीघ्र बहाल करना सुनिश्चित करेगा।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने न्यूयॉर्क में चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया
न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक टाइम्स स्क्वॉयर पर बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी लोगों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ‘भारत माता की जय’ और अन्य देशभक्ति नारे लगाये। साथ ही, उन्होंने भारत के खिलाफ चीन की आक्रमकता को लेकर उसका (चीन का) आर्थिक बहिष्कार करने और उसे राजनयिक स्तर पर अलग-थलग करने की भी मांग की।
न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में रह रहे भारतीयों और ‘भारतीय संघों के परिसंघ’ (एफआईए) के अधिकारियों ने ‘चीन निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार करो’, ‘भारत माता की जय’ और ‘चीनी आक्रामकता को रोको’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर चेहरे पर मास्क पहनकर प्रदर्शन किया। उनके हाथों में ‘‘हम शहीद जवानों को सलाम करते हैं’’ के पोस्टर थे। प्रदर्शन में तिब्बती और ताइवानी समुदाय के सदस्य भी शामिल हुए।
उन्होंने ‘तिब्बत भारत के साथ खड़ा है’, ‘मानवाधिकारों, अल्पसंख्यक समुदायों के धर्मों, हांगकांग के लिए न्याय’, ‘चीन मानवता के खिलाफ अपराध रोके’ और ‘चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करो’ के पोस्टर ले रखे थे। समुदाय के नेताओं, प्रेम भंडारी और जगदीश सहवानी ने शुक्रवार को इस प्रदर्शन का आयोजन किया।
‘जयपुर फुट यूएसए’ के अध्यक्ष भंडारी ने कहा, ‘‘आज का भारत 1962 के भारत से अलग है। हम चीनी आक्रामकता और इसकी अंतरराष्ट्रीय धौंस को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम चीन के अहंकार का करारा जवाब देंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ एक हिसंक झड़प में 20 (भारतीय) जवानों के शहीद होने से बहुत व्यथित हैं।

