लद्दाख सीमा विवादः राहुल गांधी पर बरसे सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारी, तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सेना का इस्तेमाल मत कीजिए

By भाषा | Updated: June 11, 2020 16:10 IST2020-06-11T16:10:51+5:302020-06-11T16:10:51+5:30

हर देशवासी को सीमा पर बने हालातों की जानकारी लेने का हक है। लेकिन भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए हर बार हमारी सैन्य शक्ति के पीछे छिपकर सवालों से बचने की कोशिश करती है।

Indo-China border dispute congress rahul gandhi Ladakh border retired officer armed forces, not use army political gains | लद्दाख सीमा विवादः राहुल गांधी पर बरसे सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारी, तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सेना का इस्तेमाल मत कीजिए

बयान हमेशा हमारे उन सशस्त्र बलों का मनोबल और अदम्य साहस कमजोर करते हैं। (file photo)

Highlightsसेवानिवृत्त अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान पर गांधी के, पूर्व में दिए गए बयानों को पाकिस्तान सरकार एवं सेना ने ‘‘इस्तेमाल किया और उनका समर्थन किया, जिससे राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा मिला।’’सेवानिवृत्त अधिकारियों में एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) संजीब बोरदोलोई, एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) पी सी ग्रोवर और ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) दिनकर अदीब शामिल हैं। तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सैन्य महत्ता के मामलों को इस तरह तोड़ना-मरोड़ना अत्यंत निंदनीय है।

नई दिल्लीः सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने लद्दाख सीमा विवाद से निपटने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने को ‘‘अवांछनीय एवं निंदनीय‘ करार दिया है।

सेवानिवृत्त अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान पर गांधी के, पूर्व में दिए गए बयानों को पाकिस्तान सरकार एवं सेना ने ‘‘इस्तेमाल किया और उनका समर्थन किया, जिससे राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा मिला।’’ इन सेवानिवृत्त अधिकारियों में एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) संजीब बोरदोलोई, एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) पी सी ग्रोवर और ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) दिनकर अदीब शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए सैन्य महत्ता के मामलों को इस तरह तोड़ना-मरोड़ना अत्यंत निंदनीय है। निस्संदेह, इस प्रकार के बयान हमेशा हमारे उन सशस्त्र बलों का मनोबल और अदम्य साहस कमजोर करते हैं, जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पेशेवर बल के रूप में जाना जाता है और जो आजादी के बाद से सक्रिय रहे हैं।’’ उन्होंने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध का भी जिक्र किया और रेखांकित किया कि उस समय भारत का नेतृत्व जवाहरलाल नेहरू ने किया था।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम न केवल बिना तैयारी के मैदान में उतरे, बल्कि हमें चीन के हाथों बेहद शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी, जबकि हमारे जवान बहादुरी से लड़े थे और चीन के जवान बड़ी संख्या में मारे गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय और चीनी बलों के बीच लद्दाख में सीमा पर मौजूदा गतिरोध के संबंध में राहुल गांधी के हालिया अवांछनीय ट्वीट तथा बयानों से बहुत चिंतित हैं। हम ऐसे व्यक्ति के अवांछनीय एवं निंदनीय बयानों की निंदा करते हैं जिसे यह अंदाजा नहीं है कि हमारे जवान दुनिया के सबसे दुर्गम एवं प्रतिकूल क्षेत्र में कैसे काम करते हैं।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध को लेकर बुधवार को आरोप लगाया था कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल हो गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लद्दाख में चीनी हमारे क्षेत्र में दाखिल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे।’’

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