Indigo Ranchi incident: विमानन कंपनी इंडिगो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना, दिव्यांग बच्चे को विमान में नहीं चढ़ने दिया था, जानें सबकुछ
By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 28, 2022 15:55 IST2022-05-28T15:50:23+5:302022-05-28T15:55:02+5:30
Indigo Ranchi incident: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अपने पैनल की जांच के ‘‘प्रथम दृष्टया’’ निष्कर्ष का हवाला देते हुए कहा कि विमानन कंपनी इंडिगो के कर्मचारियों ने रांची हवाई अड्डे पर सात मार्च को एक दिव्यांग बच्चे और उसके माता-पिता के साथ अनुचित व्यवहार किया।

कठिन परिस्थितियों में जो सबसे उचित हो सकता था, विमानन कंपनी के कर्मचारियों ने वही फैसला किया। (file photo)
Indigo Ranchi incident: डीजीसीए ने सात मई को रांची हवाई अड्डे पर दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने के मामले में विमानन कंपनी इंडिगो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।सात मई को रांची हवाई अड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी।
डीजीसीए पैनल ने करीब दो हफ्ते पहले एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने एक बयान में कहा, "जांच के दौरान प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर इंडिगो एयरलाइंस को उसके अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।"
इंडिगो ने नौ मई को कहा था कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चे को सात मई को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह घबराया हुआ नजर आ रहा था। चूंकि बच्चे को विमान में सवार होने से रोक दिया गया, इसलिए उसके साथ मौजूद माता-पिता ने भी विमान में सवार नहीं होने का फैसला किया।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक टीम का गठन किया था। डीजीसीए ने एक बयान में कहा,‘‘ सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी।’’
इसमें कहा गया है कि बच्चे के साथ करुणा का व्यवहार किया जाना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत किया जाना चाहिए था। बयान के अनुसार विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन एयरलाइन के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे।
इसमें कहा गया है, ‘‘इसे देखते हुए, डीजीसीए में सक्षम प्राधिकारी ने संबंधित विमान नियमों के प्रावधानों के तहत एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है।’’ इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने इस घटना पर खेद जताया था और बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा था कि कठिन परिस्थितियों में जो सबसे उचित हो सकता था, विमानन कंपनी के कर्मचारियों ने वही फैसला किया। उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर कहा था कि किसी भी व्यक्ति के लिए इस तरह की परिस्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए और वह रांची में हुई घटना की स्वयं जांच कर रहे हैं।
इस बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा था कि झारखंड पुलिस इंडिगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे, क्योंकि यह दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा-सात का प्रथम दृष्टया उल्लंघन है, जिसमें सजा का प्रावधान है। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने डीजीसीए से इस मामले में जांच शुरू करने और विमानन कंपनी एवं उसके प्रबंधक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने को कहा था।
(इनपुट एजेंसी)