भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू

By भाषा | Updated: August 4, 2021 23:36 IST2021-08-04T23:36:18+5:302021-08-04T23:36:18+5:30

India's first indigenously built aircraft carrier Vikrant begins sea trials | भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू

भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में परीक्षण शुरू

नयी दिल्ली, चार अगस्त भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ का समुद्र में बहुप्रतीक्षित परीक्षण बुधवार को शुरू हो गया। यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत है।

विक्रांत को अगले साल अगस्त तक नौसेना में शामिल करने की योजना है और इसके पहले यह एक बड़ी उपलब्धि है।

भारतीय नौसेना ने इस अवसर को देश के लिए ‘‘गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक’’ दिन बताया और कहा कि इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिनके पास स्वदेश में डिजाइन करने, निर्माण करने और अत्याधुनिक विमानवाहक पोत तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है।

विक्रांत का वजन 40,000 टन है और यह पहली बार समुद्र में परीक्षण के लिए तैयार है। गौरतलब है कि इसी नाम के एक जहाज ने 50 साल पहले 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘‘विक्रांत’’ को ‘‘मेक इन इंडिया’’ का बेहतरीन नमूना बताया और इसके समुद्री परीक्षण की ‘‘ऐतिहासिक’’ उपलब्धि पर नौसेना को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारतीय नौसेना द्वारा डिजाइन किए गए और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वदेशी विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ ने आज अपना पहला समुद्री परीक्षण शुरू किया। यह ‘मेक इन इंडिया’ का बेहतरीन नमूना है। भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विमानवाहक पोत का निर्माण आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ पहल की दिशा में राष्ट्र की कोशिश का एक उत्कृष्ट उदाहण है।

इस विमानवाहक जहाज को, इसके विमानन परीक्षण पूरे करने के बाद, अगले साल अगस्त तक भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। इसे करीब 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है।

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक दिन है क्योंकि 1971 के युद्ध में जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अपने शानदार पूर्ववर्ती जहाज के 50वें साल में आज यह प्रथम समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ।’’

उन्होंने कहा कि यह भारत में बना सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत है। उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में यह एक गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक क्षण है।’’

यह विमानवाहक जहाज करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है तथा इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने निर्मित किया है।

जून में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विमानवाहक जहाज के निर्माण की समीक्षा की थी। इस जहाज पर 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। युद्धपोत पर मिग-29 के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलीकॉप्टरों का एक बेड़ा होगा।

भारत के पास अभी सिर्फ एक विमानवाहक जहाज ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ है।

भारतीय नौसेना, हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की चीन की बढ़ती कोशिशों के मद्देनजर अपनी संपूर्ण क्षमता महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने पर जोर दे रही है। हिंद महासागर, देश के रणनीतिक हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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