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यूक्रेन में भारतीय छात्र, सीएम नीतीश बोले- देखकर चकित हूं, पढ़ाई के लिए इतने सारे लड़के-लड़कियां इतनी दूर देश में जाते हैं…

By एस पी सिन्हा | Updated: March 3, 2022 17:15 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों का होना आश्चर्यचकित करता है.

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ठळक मुद्देभारत में मेडिकल की पढ़ाई बेहद महंगी है. एमबीबीएस पाठ्यक्रम की फीस की सीमा तय करने की मांग की गई थी.देश में एमबीबीएस के लिए एक वर्ष में लगभग 15 लाख रुपये देने पड़ते हैं.

पटनाः बिहार में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों से वसूली जा रही मोटी फीस का मामला आज विधानसभा में उठा. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यूक्रेन में इतनी तादाद में भारत के छात्र मेडिकल पढ़ने जा रहे हैं, इस बात की जानकारी अब सामने आई है.

लेकिन यह भी सच है कि मेडिकल और इस तरह की पढ़ाई को लेकर जो भी स्ट्रक्चर तय होता है, वह केंद्र सरकार की तरफ से तय किया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात भी सामने आई है कि यूक्रेन में देश से  सस्ती मेडिकल की पढ़ाई होती है. अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार को इसे देखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पहले जो लेफ्ट(वामपंथी) विचारधारा के लोग होते थे वहीं पढ़ाई के लिए सोवियत संघ या रूस जाते थे. लेकिन अब इतनी बड़ी तादाद में अगर बिहार से छात्र जा रहे हैं तो इसे देखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखना पडेगा कि आखिर वहां के बारे में बिहार के लोगों को इतनी जानकारी कैसे हो गई? यह सब सोशल मीडिया का कमाल है. हम तो सोशल मीडिया से पहले वाले हैं.

दरअसल, जदयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने यह मुद्दा ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया कि निजी मेडिकल कॉलेजों में अधिक फीस ली जा रही है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मेडिकल कॉलेज खोल कर कमाई कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को मेडिकल कॉलेजों की फीस कम करने की जरूरत है. सदस्यों का कहना था कि प्राइवेट कॉलेजों में मोटी फीस के कारण ही बिहार के छात्र यूक्रेन जैसे देशों में पढ़ने जाते हैं.

इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने नियमों का हवाला दिया. हालांकि सदन को आश्वस्त किया कि सबों की भावना का सरकार ख्याल रखेगी. सरकार की तरफ से मिले जवाब पर सभी दलों के विधायकों ने असंतोष जताया. सदस्यों ने कहा कि सरकार को इस मामले में कोई ठोस पहल करनी चाहिए.

इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि इस मामले में जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जजों की कमेटी बनाई गई है, उसके सामने  राज्य सरकार की तरफ से प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस कमेटी को अवगत कराया जाएगा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस कम की जाए. वहीं, विधनासभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकार से कहा कि यूक्रेन की घटना के बाद सरकार को संज्ञान लेने की जरूरत है.

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादपटनाबिहारनीतीश कुमारयूक्रेनडॉक्टर
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