रेलवे बोर्ड में घटायी गयी 50 सदस्यों की संख्या, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पेश किया गया था ये प्रस्ताव
By भाषा | Updated: October 20, 2019 14:18 IST2019-10-20T14:18:25+5:302019-10-20T14:18:25+5:30
गौरतलब है कि 2015 में भारतीय रेलवे पर बीरेक डिब्रॉय समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन की सिफारिश की थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘‘हमेशा देखा गया है कि रेलवे बोर्ड सहित रेलवे में कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है।

रेलवे बोर्ड में घटायी गयी 50 सदस्यों की संख्या, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पेश किया गया था ये प्रस्ताव
रेलवे ने 200 सदस्यों वाले रेलवे बोर्ड में 25 फीसदी कटौती करके इसका आकार घटा कर 150 सदस्यों तक करने की योजना बनाई है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी । रेलवे बोर्ड की दक्षता बढ़ाने के लिए उसके आकार को कम करने की योजना काफी लंबे समय से चल रही थी। इसका प्रस्ताव सन 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पेश किया था।
सरकार ने राष्ट्रीय परिवहन की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई का आकार कम करने का प्रस्ताव दिया था। एक सूत्र ने बताया,‘‘वर्तमान में बोर्ड में 200 अधिकारी हैं। इनमें से निदेशक स्तर के 50 अधिकारियों और इससे अधिक को जोनल रेलवे में स्थानांतरिक करके इसका आकार घटा कर 150 लोगों का किया जाएगा।
यह काफी समय से लंबित है और ऐसा महसूस किया जा रहा था कि बहुत सारे लोग एक जैसा काम कर रहे हैं और दक्षता बढ़ाने के लिए जोन में वरिष्ठ अधिकारियों की आवश्यकता है।’’उन्होंने बताया कि इस योजना को शीघ्र ही अमल में लाया जाएगा। यह योजना रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश 100 दिन के एजेंडा का हिस्सा है और रेलवे बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष वी के यादव की प्राथमिकता है।
गौरतलब है कि 2015 में भारतीय रेलवे पर बीरेक डिब्रॉय समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन की सिफारिश की थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘‘हमेशा देखा गया है कि रेलवे बोर्ड सहित रेलवे में कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है। यह संगठन की दक्षता पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है।’’ सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन मंत्रालय की कायापलट की शुरुआत मात्र है।