हिन्द प्रशांत रचना शीत युद्ध से उबरने की स्थिति को प्रदर्शित करती है : जयशंकर

By भाषा | Updated: April 14, 2021 18:26 IST2021-04-14T18:26:17+5:302021-04-14T18:26:17+5:30

Indian Pacific composition reflects the state of recovery from the Cold War: Jaishankar | हिन्द प्रशांत रचना शीत युद्ध से उबरने की स्थिति को प्रदर्शित करती है : जयशंकर

हिन्द प्रशांत रचना शीत युद्ध से उबरने की स्थिति को प्रदर्शित करती है : जयशंकर

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को फ्रांस एवं आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष के साथ डिजिटल वार्ता में कहा कि हिन्द प्रशांत रचना एक बृहद समसामयिक दुनिया को प्रदर्शित करती है और यह शीतशुद्ध से उबरने की ओर इंगित करती है, उसे थोपती नहीं है ।

जयशंकर ने कहा कि हिन्द प्रशांत एक ऐसे निर्बाध विश्व को प्रदर्शित करता है जो ऐतिहासिक रूप से भारत-अरब आर्थिक कारोबारी संबंधों और वियतनाम एवं चीन के पूर्वी तटीट आसियान देशों के सांस्कृतिक प्रभाव के रूप में मौजूद था ।

रायसीना वार्ता में हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं इसे ऐसे रखना चाहूंगा कि यह एक तरह से हिन्द प्रशांत इतिहास की ओर फिर से लौटना है । यह अधिक समसायिक दुनिया को प्रदर्शित करता है । यह वास्तव में शीतयुद्ध से उबरने जैसा है और उसे थोपता नहीं है । ’’

यह संयोग ही है कि बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने पश्चिमी देशों की हिन्द प्रशांत रणनीति की आलोचना करते हुए इसे खतरनाक और शीत युद्ध की मानसिकता को उभारने का प्रयास बताया ।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को जयशंकर के साथ फ्रांस के विदेश मंत्री जे वाई एल ड्रियान और आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पेन ने हिस्सा लिया । इसमें हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और कोरोना वायरस के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने को लेकर चर्चा हुई ।

भारत और आस्ट्रेलिया हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चतुर्गुट (क्वाड) का हिस्सा हैं । यह समूह हिन्द प्रशांत क्षेत्र को मुक्त एवं समावेशी बनाने उद्देश्य को लेकर काम करता है । इस समूह में अमेरिका और जापान भी शामिल हैं ।

वार्ता के दौरान आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मैरिस पेन ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया और सुधार के प्रयासों के बारे में चर्चा की ।

उन्होंने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में विकासशील देश महामारी के मद्देनजर आर्थिक मोर्चे सहित अन्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं ।

पेन ने नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था, सागर में टिकाऊ व्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, सामरिक प्रतिस्पर्धा जैसे विषयों पर विचार व्यक्त किया । उन्होंने म्यामां में एक फरवरी को तख्ता पलट के बाद उत्पन्न स्थिति का जिक्र किया और उस देश में लोकतांत्रिक बदलाव की जरूरत बतायी ।

वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्री जे वाई एल ड्रियान ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में तीनों देशों के बीच सहयोग गहरा बनाने के लिये व्यावहारिक रुख अपनाने की जरूरत बतायी । उन्होंने आतंकवाद के वित्त पोषण से निपटने के प्रयासों का भी जिक्र किया।

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