भारत और चीन गलवान जैसी झड़प नहीं दोहराने पर हुए सहमत, सैनिक हटाने को दोनों देश हुए तैयार

By पल्लवी कुमारी | Published: July 2, 2020 09:25 AM2020-07-02T09:25:18+5:302020-07-02T09:25:18+5:30

 पूर्वी लद्दाख के विभिन्न स्थानों पर गत सात हफ्ते से भारत और चीन के सेनाओं के बीच तनाव है और यह तनाव और बढ़ गया जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।

Indian china standoff: India, China agree to restart Galwan and Hot Springs pullback | भारत और चीन गलवान जैसी झड़प नहीं दोहराने पर हुए सहमत, सैनिक हटाने को दोनों देश हुए तैयार

गलवान घाटी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsगलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद वहां की स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों ने एलएसी से लगे इलाकों में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी।लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की छह जून को हुई पहले दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने गलवान से शुरुआत कर उन सभी बिंदुओं से बलों को धीरे-धीरे पीछे हटाने पर सहमति जताई थी, जहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध की स्थिति है।

नई दिल्ली: भारत और चीन एक बार फिर से गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग में पूर्व की स्थिति पर लौटने को तैयार हो गए हैं। दोनों देश पूर्वी लद्दाख के इन क्षेत्रों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाने पर तैयार हुए हैं। 30 जून को चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लियु लिन ने भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह से 12 घंटों की वार्ता की। इस बातचीत के बाद ही सूत्रों ने दावा किया है कि दोनों देश 15 जून 2020 जैसी गलवान हिंसक झड़प ना करने पर सहमत हुए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। भारत चीन के बीच यह तीसरी वार्ता थी। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच हुई सैन्य वार्ता के दौरान पहले की स्थिति पर लौटने की सहमति बनी थी लेकिन चीनी सैनिकों ने इसका पालन नहीं किया था। जिसके बाद 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष भी हुआ। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प एक कनर्ल सहित भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। 

पैंगोंग सो पर भारत-चीन में नहीं बनी कोई बात

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, फिलहाल पैंगोंग सो (झील) को लेकर स्थिति वैसी ही बनी हुई है। भारत-चीन दोनों देशों के बीच इसको लेकर कोई सहमति नहीं हुई है। भारत और चीन इस इलाके को लेकर जो टकराव है उस पर अभी कोई स्थिति साफ नहीं है। 

गौरतलब है कि पैंगोंग सो (झील) वाले इलाके में पीएलए (चीनी) सैनिकों ने बड़ी संख्या में बंकर बना लिए हैं। चीनी सैनिकों ने फिंगर- 4 से 8 तक अपना कब्जा करने के बाद हां सबसे ऊंची चोटी पर भी अपना दावा कर रहे हैं। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत इस बार रहेगा ज्यादा सावधान

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन दोनों ही पक्ष बहुत जल्द सीमा पर बने तनाव को कम करना चाहते हैं। चीन इससे पहले भी दो बार पूर्वी लद्दाख की सीमा पर से अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए राजी हुआ था लेकिन जमीनी हकीकत पर ऐसा नहीं किया गया। इसलिए इस बार भारत ज्यादा सावधान रहेगा। भारत को इस बार ये देखना होगा कि भारतीय क्षेत्र में घुस आया चीन गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में मौजूद पट्रोलिंग पॉइंट (PP) 14, 15 और 17 ए को खाली कर भी रहा है या नहीं। पैंगोंग सो झील के उत्तरी किनारे पर मौजूद यह चोटी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

पूर्वी लद्दाख गतिरोध: भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 12 घंटे लंबी चली बैठक

भारत और चीन की सेनाओं की मंगलवार को करीब 12 घंटे तक कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई जिसके केंद्र में पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चुशूल सेक्टर में भारत की तरफ हुई। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात नौ बजे तक चलती रही। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिले के मेजर जनरल लियु लिन ने किया। 

सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने सीमा से जुड़े मुद्दों के समाधान के दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बातचीत के केंद्र में तनाव को कम करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था। बैठक में हुई बातचीत की औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है। 

पांच मई को दोनों सेनाओं के बीच शुरू हुए तनाव के बाद कोर कमांडर स्तर की यह तीसरी वार्ता है। पहले दो दौर की वार्ताओं में भारतीय पक्ष ने इलाके के विभिन्न स्थानों से तत्काल चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की थी।

Web Title: Indian china standoff: India, China agree to restart Galwan and Hot Springs pullback

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