लेह: लद्दाख में एलएसी पर चीनी के विवाद के बीच भारतीय़ सेना ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं। इसमें जवान क्षेत्र में गश्ती के लिए अब घोड़ों और खच्चरों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें सेना के जवान ने एलएसी के आस-पास के इलाकों में घोड़ों और खच्चरों से सर्वे करते नजर आ रहे हैं।
साथ ही कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें पूर्वी लद्दाख के इलाके में भारतीय जवान क्रिकेट खेलते दिख रहे हैं। लेह स्थित 14 कॉर्प्स, जिसे फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के रूप में भी जाना जाता है, उसने कुछ तस्वीरें जारी की है। इसमें जवान पूरे उत्साह और जोश के साथ बेहद ऊंचाई वाले शून्य तापमान में क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं। तस्वीर के साथ लिखा गया, 'हम असंभव को संभव बनाते हैं।'
हालांकि, जहां क्रिकेट मैच खेला जा रहा है उस सटीक स्थान के बारे में सेना ने कोई जानकारी नहीं दी है। वैसे, रक्षा सूत्रों के अनुसार यह पूर्वी लद्दाख में तांगसे का इलाका है।
दिलचस्प यह भी है कि ये तस्वीरें उस समय जारी की गई हैं जब इसी हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने आए अपने चीनी समकक्ष किन गांग से दिल्ली में मुलाकात की।
बैठक में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों की चुनौतियों, खास तौर से सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और स्थिरता से जुड़ी चुनौतियों से निपटने पर चर्चा हुई। जी-20 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर जयशंकर और किन की यह पहली मुलाकात थी। पूर्वी लद्दाख में 34 महीने से अधिक समय से जारी सीमा विवाद के बीच बैठक हुई।
बताते चलें कि जयशंकर ने करीब आठ महीने पहले बाली में जी-20 की एक बैठक से इतर तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। उन्होंने सात जुलाई को हुई एक घंटे की बैठक के दौरान वांग को पूर्वी लद्दाख में लंबित सभी मुद्दों के जल्द समाधान की जरूरत का संदेश दिया था।
भारत और चीन ने गत 22 फरवरी को भी बीजिंग में प्रत्यक्ष राजनयिक वार्ता की थी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित टकराव वाले बाकी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के प्रस्ताव पर ‘‘खुली और सकारात्मक चर्चा’’ की थी। भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और सहयोग के लिए कार्य प्रणाली की रूपरेखा के तहत बैठक हुई।
गौरतलब है कि पैंगांग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा क्षेत्र में गतिरोध पैदा हुआ था। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण टकराव के बाद दोनों देशों के बीच संबंध में और तनाव आ गया था। बाद में कई बार सैन्य और राजनयिक वार्ताओं के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने पैंगांग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों तथा गोगरा क्षेत्र में 2021 में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की।