सशस्त्र बल मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं: जनरल रावत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 27, 2019 18:02 IST2019-12-27T18:02:36+5:302019-12-27T18:02:36+5:30

जनरल रावत के हवाले से बताया गया, “भारतीय सशस्त्र बल बेहद अनुशासित हैं और वे मानवाधिकार कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं।

Indian Armed Forces are much disciplined and have utmost respect for human rights laws and International human rights law. | सशस्त्र बल मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं: जनरल रावत

न केवल देश के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा की है बल्कि अपने दुश्मनों के अधिकारों की रक्षा भी की है।

Highlightsबल न केवल अपने लोगों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं, बल्कि युद्धबंदियों के साथ भी जिनेवा संधि के अनुसार व्यवहार करते हैं।“युद्धकाल और युद्धबंदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण” विषय पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रशिक्षुओं और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं और उन्होंने न केवल देश के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा की है बल्कि अपने दुश्मनों के अधिकारों की रक्षा भी की है।

वह यहां मानवाधिकार भवन में “युद्धकाल और युद्धबंदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण” विषय पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रशिक्षुओं और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। एक बयान में जनरल रावत के हवाले से बताया गया, “भारतीय सशस्त्र बल बेहद अनुशासित हैं और वे मानवाधिकार कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं।

भारतीय सशस्त्र बल न केवल अपने लोगों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं, बल्कि युद्धबंदियों के साथ भी जिनेवा संधि के अनुसार व्यवहार करते हैं।” 

Web Title: Indian Armed Forces are much disciplined and have utmost respect for human rights laws and International human rights law.

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