भारत आर्कटिक क्षेत्र पर साझी समझ गहरा करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा: हर्षवर्द्धन

By भाषा | Updated: May 8, 2021 22:04 IST2021-05-08T22:04:55+5:302021-05-08T22:04:55+5:30

India will continue to play an active role in deepening the common understanding on the Arctic region: Harshvardhan | भारत आर्कटिक क्षेत्र पर साझी समझ गहरा करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा: हर्षवर्द्धन

भारत आर्कटिक क्षेत्र पर साझी समझ गहरा करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा: हर्षवर्द्धन

नयी दिल्ली, आठ मई पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्द्धन ने शनिवार को कहा कि भारत पर्यवेक्षण, अनुसंधान, क्षमता निर्माण एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से आर्कटिक क्षेत्र पर साझी समझ प्रगाढ़ करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा।

तीसरे आर्कटिक विज्ञान मंत्रिस्तरीय (एएसएम) सम्मेलन में भाग लेते हुए उन्होंने यह प्रस्ताव भी रखा कि भारत को अगले या भावी सम्मेलन की मेजबानी करने का मौका दिया जा सकता है।

इस बैठक के दौरान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने आर्कटिक क्षेत्र पर रहकर और दूर संवेदी यंत्रों यानी दोनों ही माध्यमों से वहां के तंत्र को समझने में योगदान करने की अपनी योजना सामने रखी।

उसने कहा कि भारत आर्कटिक क्षेत्र में ऊपरी महासागर की बदलती दशाओं एवं मौसम संबंधी मापदंडों की दीर्घकालिक निगरानी के लिए लंगर लगाएगा।

हर्षवर्द्धन ने कहा,‘‘भारत पर्यवेक्षण, अनुसंधान, क्षमता निर्माण एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से संपोषणीय विकास को बढ़ावा देकर आर्कटिक पर साझी समझ प्रगाढ़ करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा । ’’

पहला एएसएम 2016 में अमेरिका में एवं दूसरा 2018 में जर्मनी में हुआ था जबकि तीसरा आइसलैंड और जापान द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

भारत 2013 से 12 अन्य देशों के साथ आर्कटिक काउंसिल में पर्यवेक्षक हैं। ये अन्य 12 देश जापान, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, स्विटरजरलैंड, पोलैंड, स्पेन, नीदरलैंड्स, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया हैं। आर्कटिक काउंट्स आर्कटिक में संपोषणीय विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में सहयोग, समन्वय एवं अंतरसंबंध को बढ़ावा देने वाला एक उच्च स्तरीय अंतरसरकारी मंच है।

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