भारत ने 400 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम सूपरसोनिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण, जानें इसके बारे में सबकुछ
By अनुराग आनंद | Updated: November 24, 2020 12:04 IST2020-11-24T11:59:15+5:302020-11-24T12:04:51+5:30
भारत ने आज सुबह 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से जमीन में वार करने वाली ब्रह्मोस सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

भारत ने 400 किमी तक हमला करने वाले मिसाइल का किया सफल परीक्षण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: भारत एक तरफ जहां कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण कर रहा है। अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान व चीन की हरकत को देखते हुए भारत किसी भी समय मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जल,थल और नभ में अपनी सुरक्षा के लिए लगातार ताकत बढ़ाने का काम कर रहा है।
यही वजह है कि भारत ने आज सुबह 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से जमीन में वार करने वाली ब्रह्मोस सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सीधे अपने टारगेट को मार गिराया। इसका टार्गेट दूसरे द्वीप पर था। इसी महीने भारत ने बालासोर में किया क्विक रिएक्शन मिसाइल का सफल परीक्षण मिसाइल परीक्षण किया था।
The supersonic cruise missile was testfired at 10 AM today & it successfully hit its target. The test was conducted by the Indian Army which has many regiments of the DRDO-developed Missile system. The strike range of BrahMos missile has now been enhanced to over 400 km: Sources https://t.co/dXlgqi9O2I
— ANI (@ANI) November 24, 2020
डीआरडीओ द्वारा बनाया गया है यह मिसाइल सिस्टम
ये परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब भारत और चीन के एलएसी पर विवाद चल रहे हैं। इस ट्रायल के बाद अब मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। आज सुबह 10 बजे इसका परीक्षण किया गया। इस टेस्ट को भारतीय सेना द्वारा किया गया जिसमें डीआरडीओ द्वारा बनाए गए मिसाइल सिस्टम के बनाए गए बहुत से रेजिमेंट हैं। इस मिसाइल की मार करने की क्षमता अब 400 किलोमीटर हो गई है
इसे जमीन, समुद्र और हवा से लांच किया जा सकता है
ब्रह्मोस मिसाइल एक यूनीवर्सल लंबी रेंज सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम है जिसे जमीन, समुद्र और हवा से लांच किया जा सकता है। इस मिसाइल को भारतीय सेना, डीआरडीओ और रशिया ने बनाया है। इसके सिस्टम को दो वेरिएंट्स के हिसाब से बनाया गया है। एसे एंटी-शिप और लैंड-अटैक रोल के हिसाब से बनाया गया है। ब्रह्मोस मिलाइल भारतीय सेना और जलसेना में कमीशन की गई हैं।
इससे पहले ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो’का भी हुआ था सफल परीक्षण
बता दें कि इससे पहले भारत ने ओडिशा अपतटीय क्षेत्र स्थित एक परीक्षण केंद्र से बीते दिनों देश में विकसित ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो’ (स्मार्ट) प्रणाली का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया था। रक्षा सूत्रों ने बताया कि परीक्षण पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया जिसे पूर्व में व्हीलर द्वीप कहा जाता था।
उन्होंने कहा था कि परीक्षण सफल रहा और सभी मानक प्राप्त कर लिए गए। ‘स्मार्ट’ प्रणाली पनडुब्बी विध्वंसक अभियानों के लिए हल्के वजन की टॉरपीडो प्रणाली है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि परीक्षण और प्रदर्शन पनडुब्बी रोधी क्षमता स्थापित करने में काफी महत्वपूर्ण है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी थी जो पनडुब्बी रोधी युद्ध कौशल में एक बड़ी उपलब्धि है।


