बालासोर (ओडिशा), 13 दिसंबर भारत ने सोमवार को ओडिशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम’ (एसएमएटी) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह जानकारी दी।
अब्दुल कलाम द्वीप को पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था।
डीआरडीओ ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल की सभी क्षमताओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन देखने को मिला। इस प्रणाली को पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है, जो पारंपरिक टॉरपीडो की रेंज से कहीं अधिक है।
डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, ''यह परीक्षण योजना के अनुसार रहा। इस दौरान इलेक्ट्रो ऑप्टिक टेलीमेट्री सिस्टम, डाउन रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन और डाउन रेंज शिप सहित विभिन्न रेंज रडार द्वारा पूरे प्रक्षेपवक्र की निगरानी की गई। मिसाइल में टारपीडो, पैराशूट डिलीवरी सिस्टम और रिलीज मेकैनिज्म था।''
डीआरडीओ ने कहा कि एसएमएटी को 'ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर' से प्रक्षेपित किया गया है और यह काफी दूरी तय कर सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम के सफल परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रणाली का विकास देश में भविष्य की रक्षा प्रणालियों के निर्माण का एक आदर्श उदाहरण है।
डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं ने इस उन्नत मिसाइल प्रणाली के लिए विभिन्न तकनीकों का विकास किया है। संगठन ने विभिन्न उप-प्रणालियों के विकास और उत्पादन में भाग लिया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षण में शामिल सभी लोगों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि यह प्रणाली हमारी नौसेना की ताकत को और बढ़ाएगी और रक्षा, विशेषज्ञता व क्षमताओं के दोहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।
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