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भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम सहमति का अक्षरश: पालन कर रहे हैं : सैन्य कमांडर

By भाषा | Updated: June 1, 2021 20:40 IST

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उधमपुर (जम्मू-कश्मीर), एक जून सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर बनी सहमति का दोनों पक्षों द्वारा ‘‘अक्षरश:’’ पालन किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर सीमा के पास ‘‘जरा भी’’ कोताही नहीं बरत रही है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘25 फरवरी को संघर्षविराम पर सहमति बनी थी और तब से दोनों पक्ष (भारत-पाकिस्तान) इसका अक्षरश: पालन कर रहे हैं।’’

लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना वर्तमान में नियंत्रण रेखा के पास शांति एवं धैर्य बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध दिखती है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम जरा भी कोताही नहीं बरत रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति एक जिम्मेदार देश के तौर पर भारत के व्यवहार की झलक है, जहां हमने कोविड-19 महामारी के दौरान परिपक्वता, धैर्य और मानवतावादी रुख दिखाया है।’’

भारत और पाकिस्तान ने सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद इस साल 25 फरवरी को एक संयुक्त बयान में संघर्षविराम की घोषणा की थी।

दोनों देशों ने पूर्व में 2003 में संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इसका बार-बार उल्लंघन हुआ।

कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि मौजूदा संघर्षविराम सहमति का सीधा फायदा नियंत्रण रेखा के पास रह रहे लोगों को हुआ है।

सैन्य कमांडर ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पास रहनेवाले लोग पिछले तीन महीने से शांति एवं स्थिरता के माहौल में जी रहे हैं और वे बिना किसी भय के अपनी आजीविका के लिए बाहर जा पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संघर्षविराम समझौते का हालांकि आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों के जारी अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सैन्य कमांडर ने कहा कि विरोधी पक्ष की ओर से किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए सैनिक पूरी तरह तैयार हैं और आतंकवादियों को त्वरित एवं दंडात्मक कदम का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि संघर्षविराम सहमति से नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों को रक्षा तैयारी मजबूत करने और रक्षात्मक कदम उठाने का अवसर मिला है।

सैन्य कमांडर ने कहा कि 2020 में संघर्षविराम का लगभग 5,000 बार उल्लंघन हुआ और 2021 में जनवरी महीने में संघर्षविराम का 413 बार तथा फरवरी में 24 तारीख तक 315 बार उल्लंघन हुआ।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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