भारत-नेपाल रिश्ताः राजनीतिक हालात पर बारीकी से निगरानी रख रहा India, सीमा विवाद, नक्शा को लेकर सावधान

By भाषा | Updated: May 28, 2020 21:04 IST2020-05-28T21:04:57+5:302020-05-28T21:04:57+5:30

भारत और नेपाल के रिश्ते में तनाव आ गया है। इस बीच सूत्रों ने कहा कि भारत पड़ोसी देश पर बारीकी से निगरानी कर रहा है। हर गतिविधि पर केंद्र सरकार की नजर है। कई घटना ने भारत को सचेत कर दिया है।

India-Nepal relationship closely monitoring political situation border dispute, careful on map | भारत-नेपाल रिश्ताः राजनीतिक हालात पर बारीकी से निगरानी रख रहा India, सीमा विवाद, नक्शा को लेकर सावधान

लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों को उसके भू-भाग में दर्शाया गया था। (file photo)

Highlightsभारत का मानना है कि इस मामले पर चली लंबी बहस से इस मुद्दे की गंभीरता का पता चलता है। भारत के साथ सीमा विवाद के बीच, नेपाल सरकार ने पिछले सप्ताह नेपाल का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी किया था।

नई दिल्लीः नेपाल सरकार की ओर से अपने नए नक्शे में लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को उसके भू-भाग में दर्शाए जाने के तहत संविधान संशोधन की योजना को स्थगित करने के बाद भारत पड़ोसी देश के राजनीतिक हालात पर बारीकी से निगाह बनाए हुए है।

सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। भारत का मानना है कि इस मामले पर चली लंबी बहस से इस मुद्दे की गंभीरता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि यह भारत-नेपाल के बीच के संबंधों को भी प्रदर्शित करता है। भारत के साथ सीमा विवाद के बीच, नेपाल सरकार ने पिछले सप्ताह नेपाल का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी किया था, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों को उसके भू-भाग में दर्शाया गया था।

इस पर नाराजगी जताते हुए भारत ने नेपाल से स्पष्ट रूप से कहा था कि भूभाग के दावों को इस तरह से कृत्रिम तरीके से विस्तार देने की बात स्वीकार्य नहीं होगी और पड़ोसी देश को “मानचित्र के जरिये गैर-न्यायोचित दावे” करने से बचना चाहिए। एक सूत्र ने कहा, '' हम नेपाल में होने वाले घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक निगरानी रख रहे हैं। सीमा संबंधित मुद्दे प्राकृतिक रूप से संवेदनशील हैं और परस्पर सहमति से समाधान के लिए भरोसे और विश्वास की आवश्यकता होती है।''

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस मामले पर राष्ट्रीय आम राय बनाने का फैसला किया था, जिसके बाद नेपाल ने अपने नक्शे को विस्तार देने के संबंध में संविधान संशोधन को लेकर संसद में होने वाली बहस को स्थगित कर दिया था। संविधान संशोधन प्रस्ताव को मंगलवार को संसद के पटल पर रखा जाना था लेकिन प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते हैं, जिसके बाद इस प्रस्ताव को पेश नहीं किया जा सका।

दोनों देशों के बीच रिश्तों में तब तनाव आ गया था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि यह नेपाली सीमा से होकर जाती है। भारत ने उसके दावे को खारिज करते हुए कहा था कि सड़क पूरी तरह से उसकी सीमा में है। 

Web Title: India-Nepal relationship closely monitoring political situation border dispute, careful on map

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