भारत को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने व जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण की जरूरत: विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: August 10, 2021 20:10 IST2021-08-10T20:10:10+5:302021-08-10T20:10:10+5:30

India needs to reduce greenhouse gas emissions and build climate friendly infrastructure: Experts | भारत को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने व जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण की जरूरत: विशेषज्ञ

भारत को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने व जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण की जरूरत: विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, 10 अगस्त पर्यावरण विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि भारत को मौसम संबंधी असीम घटनाओं के बढ़ते प्रभावों से निपटने के लिये तुरंत कदम उठाते हुए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने और जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये, वरना जलवायु परिवर्तन के मजबूत प्रभाव जारी रहेंगे, जिनके बारे में हाल की आईपीसीसी रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है।

एक सौ पिचानवे (195) सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीस) की छठी आकलन रिपोर्ट (एआर6) में आगाह किया गया है कि आने वाले वर्षों में पृथ्वी पर हर क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के सबसे खराब अपरिवर्तनीय प्रभाव देखने को मिलेंगे, जिनमें समुद्र के स्तर, लू, वर्षा और बाढ़ में वृद्धि शामिल है।

रिपोर्ट के लेखकों में से एक कृष्ण अच्युत राव ने पीटीआई-भाषा को दी लिखित प्रतिक्रिया में कहा कि जलवायु परिवर्तन के मजबूत प्रभाव तब तक जारी रहेंगे जब तक उत्सर्जन शून्य नहीं हो जाता।

उन्होंने कहा, ''आगामी जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम भारत और बाकी दुनिया के लिए समान हैं। इनमें ग्रीन हाउस गैसों (जीएचजी) विशेष रूप से कार्बन-डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को तेजी से कम करना शामिल है। इसे प्राप्त करने के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे।''

राव ने कहा, ''यह संदेश भी स्पष्ट है कि हम पहले से ही जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अनुभव कर रहे हैं और जब तक उत्सर्जन शून्य नहीं हो जाता है, तब तक हमारा जोरदार प्रभावों से सामना होता रहेगा, जिसका अर्थ है कि हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि हम इन परिवर्तनों को कैसे अनुकूलित करते हैं ताकि हमारी आबादी, अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को बहुत हद तक कम किया जा सके।''

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया) जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा कार्यक्रम के निदेशक टी एस पंवार ने इसी तरह का विचार साझा करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि से निपटने में देरी से दुनियाभर में जलवायु कार्रवाई के विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं।

उन्होंने कहा, ''भारत जलवायु परिवर्तन के मामले में सबसे संवेदनशील देशों में से एक है और यह बाढ़, चक्रवात, लू, जंगल की आग और सूखे जैसी मौसम संबंधी घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि के कारण महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होगा। चूंकि कार्रवाई के लिये समय कम बचा है लिहाजा भारत को जलवायु कार्रवाई को मुख्यधारा में लाने के लिये सभी क्षेत्रों में अनुकूलन प्रयासों में तेजी लाने और लचीलापन क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है।''

ग्रीनपीस इंडिया के वरिष्ठ जलवायु प्रचारक अविनाश चंचल ने मजबूत और साहसिक कदमों का आह्वान करते हुए कहा कि देश को तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने और भविष्य में जीवाश्म ईंधन में किसी भी निवेश से दूरी बनाते हुए तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ''भारत ने पहले ही स्वच्छ ऊर्जा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य जैसे कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, जो वास्तव में जलवायु संकट से निपटने में योगदान दे सकते हैं। लेकिन इसे जीवाश्म ईंधन में भविष्य के निवेश को मंजूरी देने से बचने की जरूरत है।''

आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी सूरत में दुनिया 2030 के दशक में 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि के आंकड़े को पार कर लेगी जो पुराने पूर्वानुमानों से काफी पहले है। आंकड़े दर्शाते हैं कि हाल के वर्षों में तापमान बढ़ा है।

तीन हजार से अधिक पृष्ठों की इस रिपोर्ट को 234 वैज्ञानिकों ने तैयार किया है।

इसमें कहा गया है कि तापमान वृद्धि से समुद्र स्तर बढ़ रहा है, बर्फ का दायरा सिकुड़ रहा है तथा प्रचंड लू, सूखा, बाढ़ और तूफान की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात और मजबूत तथा अधिक बारिश वाले हो रहे हैं जबकि आर्कटिक सागर में गर्मियों में बर्फ पिघल रही है और इस क्षेत्र में हमेशा जमी रहने वाली बर्फ का दायरा घट रहा है। ये सभी चीजें और खराब होती जाएंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: India needs to reduce greenhouse gas emissions and build climate friendly infrastructure: Experts

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे