पानी की कमी जारी रहने पर भारत जलवायु शरणार्थी संकट का कर सकता है सामना : ‘वॉटरमैन’ राजेंद्र सिंह

By भाषा | Updated: October 9, 2021 17:04 IST2021-10-09T17:04:26+5:302021-10-09T17:04:26+5:30

India may face climate refugee crisis if water scarcity continues: 'Waterman' Rajendra Singh | पानी की कमी जारी रहने पर भारत जलवायु शरणार्थी संकट का कर सकता है सामना : ‘वॉटरमैन’ राजेंद्र सिंह

पानी की कमी जारी रहने पर भारत जलवायु शरणार्थी संकट का कर सकता है सामना : ‘वॉटरमैन’ राजेंद्र सिंह

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर प्रख्यात जल संरक्षणवादी राजेंद्र सिंह ने आगाह किया है कि अगर देश में जल की कमी बनी रही तो अगले सात वर्षों में भारत को जलवायु शरणार्थी संकट का सामना करना पड़ सकता है।

‘जलवायु शरणार्थी’ का अभिप्राय मौसम संबंधी आपदा से बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन करना है।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2021 में जल संरक्षणवादी सिंह ने कहा कि देश तब तक ‘पानीदार (जल के मामले में आत्मनिर्भर) नहीं बन सकता जब तक कि जल के उपयोग और उसके पुनर्भरण में संतुलन स्थापित नहीं हो जाता।

सिंह को ‘‘ भारत का वाटरमैन’ के तौर भी जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ जल के इस्तेमाल और पुनर्भरण में संतुलन केवल समुदाय आधारित विकेंद्रीकृत प्रबंधन से संभव है।’’

सिंह ने कहा कि पहले से ही लोग जल की कमी से अपने गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।

सिंह ने आगाह करते हुए कहा, ‘‘यूरोप कई अफ्रीकी देशों से आ रहे जलवायु शरणार्थियों का सामना कर रहा है। सौभाग्य से भारतीयों को अभी जलवायु शरणार्थी नहीं कहा जाता है, लेकिन अगले सात साल में अगर भारत में जल की कमी बनी रही तो भारतीयों को भी उसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा।’’

उन्होंने सवाल किया कि भारत का भविष्य क्या होगा जब उसका जल भंडार अत्यधिक भूजल दोहन से खत्म हो जाएगा।

सिंह ने कहा, ‘‘ अब स्थिति ऐसी है कि जल की कमी की वजह से गांव छोड़ कर शहर आए लोग दोबारा वापस नहीं जा पा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में जल की कमी की वजह से पलायन हो रहा है। कृषि में जबतक कुशल विकास और जल साक्षरता आंदोलन के तहत पानी का प्रभावी इस्तेामाल नहीं होगा तबतक देश में जल की कमी की समस्या समाप्त नहीं होगी।’’

जल शक्ति मंत्रालय में पेयजल और स्वच्छता विभाग के अवर सचिव (जल) भरत लाल ने कहा कि सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआती की है और जलस्रोतों के पुनर्भरण, आपूर्ति और दोबारा इस्तेमाल के लिए कार्य कर रही है।

सिंह ने कहा कि जल संकट ‘ महिलाओं का संकट’ है और सरकार ने 3.8 लाख महिला समितियों का गठन किया है लेकिन वे कागज पर ही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘...उनकी ताकत क्या है, उनके हाथ में क्या है जब ठेकेदार को काम दिया जाता है और वह मुनाफे को ध्यान में रखता हैं। इसलिए जब ठेकेदार के जरिये काम होगा तो वह कैसे समुदाय के लिए लाभदायक होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: India may face climate refugee crisis if water scarcity continues: 'Waterman' Rajendra Singh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे