भारत ने पाकल दुल, लोअर कलनाई परियोजनाओं के डिजाइन को उचित ठहराया, पाकिस्तान ने की आपत्ति

By भाषा | Updated: March 23, 2021 23:12 IST2021-03-23T23:12:07+5:302021-03-23T23:12:07+5:30

India justified the design of Pakal Dul, Lower Karnai projects, Pakistan objected | भारत ने पाकल दुल, लोअर कलनाई परियोजनाओं के डिजाइन को उचित ठहराया, पाकिस्तान ने की आपत्ति

भारत ने पाकल दुल, लोअर कलनाई परियोजनाओं के डिजाइन को उचित ठहराया, पाकिस्तान ने की आपत्ति

नई दिल्ली, 23 मार्च भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयोग के आयुक्तों की मंगलवार को यहां हुई बैठक के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में पाकल दुल और लोअर कलनाई पनबिजली संयंत्रों के डिजाइन पर आपत्ति जताई और अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद लद्दाख की परियोजनाओं पर अधिक जानकारी मांगी, जबकि भारत ने इस परियोजनाओं के डिजाइन पर अपने रुख को उचित ठहराया।

पाकल दुल पनबिजली परियोजना (1000 मेगावाट) जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब की सहायक मरुसूदर नदी पर प्रस्तावित है। लोअर कलनाई परियोजना किश्तवाड़ और डोडा जिलों में प्रस्तावित है।

दोनों देशों ने दो दिवसीय वार्षिक बैठक के दौरान सिंधु जल संधि के तहत कई मामलों पर चर्चा की। यह बैठक दो साल के अंतराल के बाद हो रही है। इससे पहले अगस्त 2018 में यह बैठक हुई थी।

बैठक में शामिल हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के सिंधु आयोग के आयुक्त पीके सक्सेना ने किया और इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के उनके सलाहकार शामिल थे।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु आयोग (पाकिस्तान) के आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह ने किया। पाकिस्तानी प्रतिधिनिमंडल सोमवार शाम को यहां पहुंचा।

अगस्त, 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने के बाद दोनों आयोगों की यह पहली बैठक है।

यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों की सेनाओं द्वारा नियंत्रण रेखा और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौते का कड़ाई से पालन करने के संबंध में पिछले महीने की गई घोषणा के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच यह पहली महत्वपूर्ण वार्ता है।

भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के बाद से इन इलाकों में कई पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

इनमें लेह क्षेत्र में दुरबुक श्योक (19 मेगावाट क्षमता), शांकू (18.5 मेगावाट क्षमता), नीमू चिलिंग (24 मेगावाट क्षमता), रोंगदो(12 मेगावाट क्षमता), रत्न नाग (10.5 मेगावाट क्षमता) और कारगिल में मांगदम सांगरा (19 मेगावाट क्षमता), कारगिल हंडरमैन (25 मेगावाट क्षमता) व तमाश (12 मेगावाट क्षमता) परियोजना शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने इन परियोजनाओं के संबंध में जानकारी मांगी है।

उल्लेखनीय है कि सिंधु जल समझौते में दोनों देशों के आयोगों की साल में कम से कम एक बार बैठक का प्रावधान है। यह बैठक बारी-बारी से भारत और पाकिस्तान में होती है। पिछले साल मार्च में नयी दिल्ली में होने वाली बैठक कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित कर दी गई थी।

भारत ने जुलाई 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सिंधु जल समझौते से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ऑनलाइन बैठक करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन पाकिस्तान ने बैठक अटारी सीमा चौकी पर करने पर जोर दिया जिसे भारत ने महामारी के मद्देनजर अस्वीकार कर दिया था।

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के तहत सतलुज ब्यास एवं रावी नदी का पानी भारत को मिला जबकि सिंधु, झेलम एवं चिनाब का पानी पाकिस्तान को मिला।

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Web Title: India justified the design of Pakal Dul, Lower Karnai projects, Pakistan objected

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