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भारत स्टार्ट-अप के क्षेत्र में दुनिया की अगुवाई कर रहा : प्रधानमंत्री

By भाषा | Updated: November 28, 2021 15:38 IST

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नयी दिल्ली, 28 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आज का युग स्टार्ट-अप का युग है और भारत इस क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, जहां 70 से अधिक स्टार्ट-अप एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन को पार कर गए हैं।

एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन को पार करने वाली ‘स्टार्ट-अप’ इकाइयों को ‘यूनिकॉर्न’ कहा जाता है।

मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह लोगों की सेवा में रहना चाहते हैं, “सत्ता में” नहीं।

आयुष्मान भारत के एक लाभार्थी ने उनके सत्ता में बने रहने की जब कामना की तो उन्होंने कहा, “मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं और भविष्य में भी सत्ता में नहीं रहना चाहता हूं। मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूं। मेरे लिए ये पद, सत्ता के लिए है ही नहीं, सेवा के लिए है।”

मोदी ने कहा कि सरकार के कई कार्यों में, विकास की कई योजनाओं के बीच मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी चीजें हमेशा एक अलग तरह का आनंद देती हैं।

उन्होंने कहा, “सरकार के प्रयासों से, सरकार की योजनाओं से कैसे कोई जीवन बदला उस बदले हुए जीवन का अनुभव क्या है? जब ये सुनते हैं तो हम भी संवेदनाओं से भर जाते हैं। यह मन को संतोष भी देता है और उस योजना को लोगों तक पहुंचाने की प्रेरणा भी देता है।”

मोदी ने उन दो लोगों से बात की, जिन्होंने आयुष्मान भारत योजना की मदद से अपना इलाज कराया और कहा कि इससे उनका जीवन बदल गया।

प्रधानमंत्री ने लोगों को आगाह किया कि कोरोना वायरस अभी तक नहीं गया है और "यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सावधानी बरतें।”

बड़ी युवा आबादी वाले किसी भी देश में तीन चीजें - विचार एवं नवोन्मेष, जोखिम लेने का जुनून और ‘कर सकने’ की भावना बहुत महत्त्वपूर्ण होती हैं।

उन्होंने कहा कि जब ये तीन चीजें साथ आती हैं, अभूतपूर्व परिणाम हासिल होते हैं और करिश्मा होता है।

मोदी ने कहा, “इन दिनों हम अपने चारों तरफ स्टार्ट-अप, स्टार्ट-अप, स्टार्ट-अप सुनते हैं। यह सच है कि यह स्टार्ट-अप का युग है और यह भी सच है कि स्टार्ट-अप के क्षेत्र में भारत एक तरह से दुनिया में अग्रणी है।”

उन्होंने कहा कि साल दर साल स्टार्ट-अप को रिकॉर्ड निवेश मिल रहा है और यह क्षेत्र तेज गति से विकास कर रहा है।

मोदी ने कहा, “देश के छोटे शहरों में भी स्टार्ट-अप की पहुंच बढ़ी है। यूनिकॉर्न शब्द आजकल काफी चर्चा में है। यूनिकॉर्न एक स्टार्ट-अप है, जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर, करीब 7,000 करोड़ रुपये है।”

उन्होंने कहा, “साल 2015 तक, देश में नौ से 10 यूनिकॉर्न थे, आपको जानकर बहुत खुशी होगी कि भारत अब यूनिकॉर्न की दुनिया में भी काफी ऊपर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल एक बड़ा बदलाव आया है और महज 10 महीनों में, भारत में हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी बात है क्योंकि भारत के युवाओं ने कोविड वैश्विक महामारी के बीच यह सफलता हासिल की है।

मोदी ने कहा, “आज भारत में 70 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं, यानी 70 से ज्यादा स्टार्ट-अप ने एक अरब डॉलर के मूल्यांकन को पार कर लिया है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय युवा भी स्टार्ट-अप के माध्यम से वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे रहे हैं।

मोदी ने एक युवा से भी बात की, जिसने प्रौद्योगिकी की शुरुआत करके प्रदूषण की समस्या के समाधान को सामने रखने की कोशिश की है, जिसके द्वारा वह बसों के उत्सर्जन को 40 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब रहा।

अपने कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दिसंबर के महीने में, नौसेना दिवस और सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है, और 16 दिसंबर को, यह 1971 के युद्ध में जीत का स्वर्ण जयंती वर्ष था।

मोदी ने कहा, “इन सभी अवसरों पर मैं अपने सशस्त्र बलों, हमारे सैनिकों, विशेषकर उन वीर माताओं को याद करता हूं जिन्होंने इन योद्धाओं को जन्म दिया।”

मोदी ने यह भी याद किया कि मन की बात के पिछले संस्करण में, उन्होंने तीन प्रतियोगिताओं का उल्लेख किया था - एक देशभक्ति गीत लिखने पर; एक देशभक्ति के जोश और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी घटनाओं पर रंगोली बनाने पर और दूसरा एक भव्य भारत के सपनों को पोषित करने वाली लोरी की पटकथा लिखने पर - और उम्मीद जताई कि लोगों ने अपनी प्रविष्टियां भेजी होंगी।

यह कहते हुए कि यह जरूरी नहीं है कि वीरता केवल युद्ध के मैदान पर प्रदर्शित की जानी चाहिए, मोदी ने बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश के जालौन के लोगों ने नून नदी को पुनर्जीवित किया जो विलुप्त होने के कगार पर थी।

रेडियो कार्यक्रम में मोदी ने मेघालय में एक नाव की वायरल तस्वीर का जिक्र करते हुए कहा, "जब हम हवा में तैरती इस नाव को करीब से देखते हैं, तो हमें पता चलता है कि यह नदी के पानी पर चल रही है।"

उन्होंने कहा कि नदी का पानी इतना साफ है कि नौका हवा में तैरती दिखती है। साथ ही कहा, “हमारे देश में कई राज्य हैं, कई इलाके हैं जहां लोगों ने उनकी प्राकृतिक धरोहर के रंग संजो कर रखे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर जीने की शैली को आज भी जिंदा रखा है और यह सभी के लिए प्रेरणा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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