नयी दिल्ली, 24 मार्च विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अफगान समकक्ष मोहम्मद हनीफ अतमार के साथ बातचीत में एक ऐसे शांतिपूर्ण, संप्रभु और स्थिर अफगानिस्तान के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता व्यक्त की जहां लोकतांत्रिक संवैधानिक ढांचे में सभी तबकों के अधिकारों की रक्षा हो।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने यह प्रतिबद्धता सोमवार को अतमार के साथ अपनी गहन चर्चा के दौरान व्यक्त की।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री 22 से 24 मार्च तक भारत की तीन दिन की यात्रा पर थे जिसमें मुख्यत: अफगान शांति प्रक्रिया और व्यापार, निवेश तथा रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने रेखांकित किया कि क्षेत्र एवं विश्व में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए अफगानिस्तान में स्थायी शांति महत्वपूर्ण है।’’
इसने कहा कि जयशंकर ने एक सफल अफगान शांति प्रक्रिया के लिए समग्र एवं स्थायी युद्धविराम के महत्व पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने एक ऐसे शांतिपूर्ण, संप्रभु, स्थिर एवं समावेशी अफगानिस्तान के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के बारे में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री को पुन: आश्वस्त किया जहां लोकतांत्रिक संवैधानिक ढांचे में समाज के सभी तबकों के अधिकारों की रक्षा हो।’’
इसने कहा कि बैठक में अफगानिस्तान के साथ भारत की व्यापक विकास भागीदारी, क्षेत्र और विश्व में पारस्परिक हित के मुद्दों और अफगानिस्तान में शांति प्रयासों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘वार्ता बहुत ही गर्मजोशी और मित्रवत माहौल में हुई तथा इस दौरान विचारों का अत्यंत व्यापक एवं स्वस्थ आदान-प्रदान हुआ।’’
इसने कहा कि भारत-अफगानिस्तान रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने, खासकर राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, क्षमता विकास, शिक्षा, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंधों जैसे क्षेत्रों में भागीदारी को मजबूत करने जैसे मुद्दे वार्ता के केंद्र में रहे।
अतमार ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए भारत क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहमति निर्माण प्रक्रिया में शामिल है और काबुल इस कार्य में भारत की व्यापक भूमिका चाहता है।
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की।
उल्लेखनीय है कि अफगान सरकार और तालिबान 19 साल से चले आ रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए आपस में सीधे वार्ता कर रहे हैं। इस युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं और अफगानिस्तान के कई हिस्से तबाह हो गए हैं।
अफगानिस्तान की शांति एवं स्थिरता में भारत एक बड़ा पक्ष रहा है जो युद्धग्रस्त देश में पुनर्निर्माण गतिविधियों में पहले ही दो अरब डॉलर की सहायता दे चुका है।
अफगान नीत राष्ट्रीय शांति एवं मेल-मिलाप प्रक्रिया में भारत सहयोग कर रहा है।
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