भारत, पांच मध्य एशियाई देशों ने अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता देने पर जोर दिया

By भाषा | Updated: December 19, 2021 20:03 IST2021-12-19T20:03:35+5:302021-12-19T20:03:35+5:30

India, five Central Asian countries insist on immediate humanitarian aid to Afghan people | भारत, पांच मध्य एशियाई देशों ने अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता देने पर जोर दिया

भारत, पांच मध्य एशियाई देशों ने अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता देने पर जोर दिया

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने रविवार को अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने पर जोर दिया और इस बात पर भी बल दिया कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों को पनाह देने, उन्हें प्रशिक्षण देने, आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने या उनके वित्त पोषण के लिए नहीं किया जाए।

तीसरे भारत-मध्य एशिया संवाद में उन्होंने यह भी दोहराया कि आतंकवादी समूहों को पनाह देना, सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादियों का परोक्ष रूप से इस्तेमाल, आतंकवाद का वित्त पोषण और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार मानवता तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

क्षेत्रीय संपर्क पहलों का जिक्र करते हुए देशों ने कहा कि ऐसी परियोजनाएं पारदर्शिता, व्यापक भागीदारी, स्थानीय प्राथमिकताओं, वित्तीय निरंतरता के सिद्धांतों और सभी देशों की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए।

भारत द्वारा दिल्ली में आयोजित इस संवाद में कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री भाग ले रहे हैं।

एक संयुक्त बयान में कहा गया कि विदेश मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने वालों, उनके आयोजकों, वित्त पोषण करने वालों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाए और ‘‘प्रत्यर्पित करने या सजा’’ देने के सिद्धांत के अनुसार उन्हें इंसाफ के कठघरे में लाया जाए।

अफगानिस्तान की स्थिति पर इन विदेश मंत्रियों ने शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं स्थिर अफगानिस्तान के लिए कड़ा समर्थन दोहराया और उसकी संप्रभुत्ता, एकता, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने और उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर जोर दिया।

मंत्रियों ने अफगानिस्तान की मौजूदा मानवीय स्थिति पर चर्चा की और अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने का फैसला किया।

बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रियों ने यूएनएससी प्रस्ताव 2593 (2021) की महत्ता को दोहराया जो स्पष्ट रूप से यह मांग करता है कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादियों को शरण देने, प्रशिक्षण देने, आतंकवादी कृत्यों की योजना या वित्त पोषण के लिए इस्तेमाल न हो और इसमें सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई का आह्वान किया गया है।’’

इसमें कहा गया कि मंत्री अफगानिस्तान में स्थिति पर करीबी विचार-विमर्श जारी रखने पर भी राजी हुए।

संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘10 नवंबर के दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद के निष्कर्ष पर गौर करते हुए मंत्रियों ने कहा कि अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर व्यापक ‘‘क्षेत्रीय सहमति’’ है जिसमें सही मायनों में एक समावेशी और सभी के प्रतिनिधित्व वाली सरकार बनाना शामिल है।’’

संवाद में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के साथ ही अफगान लोगों को तत्काल मानवीय सहायता मुहैया कराने, महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक समझौता जल्द से जल्द स्वीकार करने का आह्वान किया।

बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में वैश्विक आतंकवाद के विरूद्ध सहयोग मजबूत करने तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों, वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति तथा एफएटीएफ मानकों को पूरी तरह लागू करने का आह्वान किया।’’

विदेश मंत्रियों ने चाबहार बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) की रूपरेखा के तहत शामिल करने का स्वागत किया और मध्य तथा दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करने तथा विकास से संबंधित मुद्दों पर सहयोग में रूचि जतायी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने शुरुआती संबोधन में अफगान लोगों की मदद के लिए रास्ते तलाशने पर जोर दिया।

जयशंकर ने कहा, ‘‘हम सभी के अफगानिस्तान के साथ गहरे ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं। उस देश में हमारी चिंताएं और उद्देश्य एक जैसे हैं।’’ उन्होंने अफगानिस्तान में सही मायनों में समावेशी और सभी के प्रतिनिधित्व वाली सरकार, आतंकवाद तथा मादक पदार्थ की तस्करी के खिलाफ लड़ाई, निर्बाध मानवीय सहायता सुनिश्चित करने और महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने को अहम प्राथमिकताएं बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अफगानिस्तान के लोगों की सहायता करने के रास्ते तलाशने चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ अपने संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जयशंकर ने ‘चार सी’ दृष्टिकोण यानी वाणिज्य, क्षमता वृद्धि, कनेक्टिविटी और दो पक्षों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए संपर्कों पर केंद्रित रुख अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी बैठक तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिति के बीच हुई है। कोविड-19 महामारी से वैश्विक स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है।

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Web Title: India, five Central Asian countries insist on immediate humanitarian aid to Afghan people

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