भारत ने म्यामां में तख्तापलट पर चिंता व्यक्त की
By भाषा | Updated: February 1, 2021 14:37 IST2021-02-01T14:37:54+5:302021-02-01T14:37:54+5:30

भारत ने म्यामां में तख्तापलट पर चिंता व्यक्त की
नयी दिल्ली, एक फरवरी भारत ने म्यामां में सैन्य तख्तापलट और शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर सोमवार को ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त करते हुए कहा कि देश में कानून का शासन बना रहना चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने म्यामां के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत म्यामां में हालात पर निकटता से नजर रख रहा है और वह म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया का हमेशा समर्थक रहा है।
मंत्रालय ने म्यामां के घटनाक्रम पर ‘‘गहरी चिंता’’ जताते हुए कहा ‘‘भारत ने म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया का हमेशा समर्थन किया है।’’
उसने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। हम हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि म्यामां में सेना ने सोमवार को तख्तापलट किया और देश की शीर्ष नेता आंग सान सू ची को हिरासत में ले लिया।
म्यामां में सेना के टेलीविजन चैनल पर कहा गया कि सेना एक वर्ष के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले रही है। कई अन्य खबरों में कहा गया है कि सू ची समेत देश के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार सेना के स्वामित्व वाले टेलीविजन चैनल ‘मयावाडी टीवी’ पर एक प्रस्तोता ने सोमवार सुबह घोषणा की कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इसके साथ ही सेना के तैयार किए संविधान के उस हिस्से का हवाला दिया गया जो राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में देश का नियंत्रण सेना को अपने हाथों लेने की इजाजत देता है।
सैन्य तख्तापलट की आशंका कई दिनों से बनी हुई थी। सेना ने अनेक बार इन आशंकाओं को खारिज किया था लेकिन देश की नई संसद का सत्र सोमवार को आरंभ होने से पहले ही उसने यह कदम उठा लिया।
म्यामां में पांच दशक तक सैन्य शासन रहा और वहां हाल के वर्षों में लोकतंत्र कायम करने की दिशा में आंशिक लेकिन अहम प्रगति हुई थी। इस बीच हुए इस तख्तापलट से इस प्रक्रिया को खासा झटका लगा है।
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