वडोदरा: विदेश एस जयशंकर ने गुजरात के वडोदरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर कटाक्ष किया। शनिवार को भारत के विदेश मंत्री ने कहा, "हम (भारत) इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (सूचना प्रौद्योगिकी) के एक्सपर्ट हैं और वो इंटरनेशनल टेररिस्ट (वैश्विक आतंकवादी) के एक्सपर्ट हैं।"
जयशंकर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हम आतंकवाद के विषय में दुनिया को यह समझाने में कामयाब रहे कि आतंकवाद कोई राजनीति या कूटनीति नहीं है। बल्कि 'आतंकवाद' आतंकवाद है। जो आज हमारे खिलाफ हो रहा है कल आपके साथ होगा। उन्होंने कहा दुनिया अब इसे समझ चुकी है। दुनिया आजकल इसे कम बर्दाश्त करती है। यही कारण है कि आज जो कोई भी देश आतंकवाद का उपयोग करता है उनपर आज दबाव है। वे हिचकिचाते हैं।
विदेश मंत्री ने अपने भाषण में रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय छात्रों को युद्ध क्षेत्र से निकालने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा, 24 फरवरी को लड़ाई (रुस और यूक्रेन के बीच) शुरू हुई। उस समय हमारे करीब 20 हजार विद्यार्थी वहां पर फंसे हुए थे...जब से लड़ाई शुरू हुई प्रधानमंत्री की नजर इस पर थी।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने युद्ध के बीच में राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों को फोन किया। फोन कर उन्होंने थोड़ी देर के लिए गोलीबारी रूकवाया ताकि हमारे लोग बाहर निकल सकें।
वहीं कोविड के दौरान भारत की 'वैक्सीन डिप्लोमेसी' को लेकर प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, वैक्सीन का जो कच्चा माल होता है वो हर देश अपने लिए रोक रहा था। हमारे लिए समस्या थी की दुनिया की सप्लाई चैन अगर हमारे लिए काम नहीं करेगी तो हम वैक्सीन कैसे बनाएंगे। ऐसे में पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को समझाया कि आप दुनिया के वैक्सीन सप्लाई चैन को मत रोकिए। उनके कहने पर अमेरिकी प्रशासन ने भारत को रक्षा उत्पादन अधिनियम में छूट दी और उसके कारण हमारा वैक्सीन कार्यक्रम सुचारू रूप से चला पाए।